लोकतंत्र का भविष्य पर एक निबंध लिखें प्रस्तावना
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भारत में लोकतंत्र का भविष्य
लोकतंत्र विश्व की सबसे प्रसिद्ध प्रकार की सरकार है। यह साधारणत: लोगों की सरकार बताई जाती है। यह लोगों की, लोगों के लिए तथा लोगों द्वारा सरकार होती है। यह सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता तथा राजनीतिक स्वतंत्रता प्रदान करती है। भारत ने 1947 में गणतंत्र को अपनाया। यह कुछ सालों तक बिल्कुल ठीक ठाक चलती रही और आज भी चल रही है। लेकिन अब इसे लेकर लोगों के मन में कुछ शंकाएं उत्पन्न हुई हैं। इसकी कुछ कमियां भी हैं।
इसकी सबसे बड़ी कमी यह है कि लोग अनपढ़ हैं। उन्हें लोकतंत्र की कार्यप्रणाली का ज्ञान नहीं है। वे लोकतंत्र के प्रति अपने कर्तव्यों से अनभिज्ञ हैं। वे झूठे वायदों तथा झूठी बातों में आ जाते हैं। वे गरीब हैं। राजनीतिक स्वतंत्रता का उनके लिए कोई अर्थ नहीं है। उनके लिए वोट से भोजन अधिक प्रिय है। कोई भी व्यक्ति भोजन या पैसे देकर लोगों से वोट खरीद सकता है।
भारत विभिन्न जातियों, धर्मों तथा भाषाओं की धरती है। वे एक दूसरे को बर्दाशत् नहीं करते। वे एक दूसरे से लड़ते रहते हैं। जाति के नाम पर दंगे यहां बहुत आम हैं। यह दंगे भारत के लोकतंत्र पर धब्बा हैं। भारतीय नेता भ्रष्ठ तथा बेईमान हैं। उनका मुख्य उद्देश्य केवल सत्ता में रहना है। उन्होंने भारत के लोकतंत्र को अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए तबाह कर दिया है। सभी लोकतांत्रिक सिद्धांत बदल दिए गए हैं।
भारत के लोग बहुत अधिक असंतुष्ट हैं। वे भारतीय लोकतंत्र की कार्य प्रणाली से खुश नहीं हैं। वे इसमें कमियां ढूंढते हैं। असल में कमी लोकतंत्र में नहीं, हम सब में है। यदि यह इंग्लैंड तथा अमरीका में अच्छे से कार्य कर सकती है तो भारत में क्यों नहीं? हमें इसकी कमियों को दूर करना चाहिए। भारत में लोकतंत्र का भविष्य उज्ज्वल है। किन्तु यह थोड़ा समय लेगा।