लोकतंत्र के मलू भतू तत्व को समझा नहींगया हैऔर इसलि ए लोग समझतेहैंकि सब कुछ सरकार कर देगी,
हमारी कोई ज़ि म्मेदारी नहीं है। लोगों मेंअपनी पहल सेज़ि म्मेदारी उठानेऔर नि भानेका सस्ं कार वि कसि त
नहीं हो पाया है। फलस्वरूप देश की वि शाल मानव-शक्ति अभी खर्रा टेलेती पड़ी हैऔर देश की पँजू ी उपयोगी
बनानेके बदलेआज बोझरूप बन बठै ी है। लेकि न उसेनींद सेझकझोर कर जागतृ करना है। कि सी भी देश को
महान बनातेहैं, उसमेंरहनेवालेलोग।
लेकि न अभी हमारेदेश के नागरि क अपनी ज़ि म्मेदारी सेबचतेरहेहैं। चाहेसड़क पर चलनेकी बात हो अथवा
साफ़-सफ़ाई की बातेंहों, जहाँ-तहाँहम लोगों को गदं गी फैलातेऔर बेतरतीब ढंग सेवाहन चलातेदेख सकते
हैं। फि र चाहतेहैंकि सब कुछ सरकार ठीक कर दे। सरकार नेबहुत सारेकार्य कि ए हैं, इसेअस्वीकार नहीं
कि या जा सकता है। वज्ञै ानि क प्रयोगशालाएँखोली हैं, वि शाल बाँध बनवाए हैं, फौलाद के कारखानेखोलेहैं
आदि -आदि बहुत सारेकाम सरकार के द्वारा हुए हैं। पर अभी करोड़ों लोगों को कार्य मेंप्रेरि त नहींकि या जा
सका है। वास्तव मेंहोना तो यह चाहि ए कि लोग अपनी सझू -बझू के साथ अपनी आतं रि क शक्ति के बल पर
खड़ेहों और अपनेपास जो कुछ साधन-सामग्री हो, उसेलेकर कुछ करना शरूु कर दें। और फि र सरकार उसमें
आवश्यक मदद करे। उदाहरण के लि ए, गाँव वालेबड़ी-बड़ी पचं वर्षी य योजनाएँनहींसमझ सकेंगे, पर वेलोग
यह बात ज़रूर समझ सकेंगेकि अपनेगाँव मेंकहाँकुआँचाहि ए, कहाँसि चं ाई की ज़रूरत है, कहाँपलु की
आवश्यकता है। बाहर के लोग इन सब बातों सेअनभि ज्ञ होतेहैं।
(i) लोकतंत्र का मलू भतू तत्व है
(क) कर्तव्र्त य-पालन
(ख) लोगों का राज्य
(ग) चनु ाव
(घ) जनमत
(ii) कि सी देश की महानता नि र्भरर्भ करती है
(क) वहाँकी सरकार पर
(ख) वहाँके नि वासि यों पर
(ग) वहाँके इति हास पर
(घ) वहाँकी पँजू ी पर
(iii)सरकार के कामों के बारेमेंकौन-सा कथन सही नहीं है?
(क) वज्ञै ानि क प्रयोगशालाएँबनवाई हैं।
(ख) वि शाल बाँध बनवाए हैं।
(ग) वाहन चालकों को सधु ारा है।
(ग) फौलाद के कारखानो खोलेहैं।
(iv) सरकारी व्यवस्था मेंकि स कमी की ओर लेखक नेसकं ेत कि या है?
(क) गाँव सेजड़ुी समस्याओंके नि दान मेंग्रामीणों की भमिूमिका को नकारना
(ख) योजनाएँठीक सेन बनाना
(ग) आधनिुनिक जानकारी का अभाव
(घ) ज़मीन सेजड़ुी समस्याओंकी ओर ध्यान न देना
(v) ‘झकझोरकर जागतृ करना’ का भाव गद्यांश के अनसु ार होगा
(क) नींद सेजगाना
(ख) सोनेन देना
(ग) ज़ि म्मेदारी नि भाना
(घ) ज़ि म्मेदारि यों के प्रति सचेत करना
Answers
Answer:
लोकतंत्र के मलू भतू तत्व को समझा नहींगया हैऔर इसलि ए लोग समझतेहैंकि सब कुछ सरकार कर देगी,
हमारी कोई ज़ि म्मेदारी नहीं है। लोगों मेंअपनी पहल सेज़ि म्मेदारी उठानेऔर नि भानेका सस्ं कार वि कसि त
नहीं हो पाया है। फलस्वरूप देश की वि शाल मानव-शक्ति अभी खर्रा टेलेती पड़ी हैऔर देश की पँजू ी उपयोगी
बनानेके बदलेआज बोझरूप बन बठै ी है। लेकि न उसेनींद सेझकझोर कर जागतृ करना है। कि सी भी देश को
महान बनातेहैं, उसमेंरहनेवालेलोग।
लेकि न अभी हमारेदेश के नागरि क अपनी ज़ि म्मेदारी सेबचतेरहेहैं। चाहेसड़क पर चलनेकी बात हो अथवा
साफ़-सफ़ाई की बातेंहों, जहाँ-तहाँहम लोगों को गदं गी फैलातेऔर बेतरतीब ढंग सेवाहन चलातेदेख सकते
हैं। फि र चाहतेहैंकि सब कुछ सरकार ठीक कर दे। सरकार नेबहुत सारेकार्य कि ए हैं, इसेअस्वीकार नहीं
कि या जा सकता है। वज्ञै ानि क प्रयोगशालाएँखोली हैं, वि शाल बाँध बनवाए हैं, फौलाद के कारखानेखोलेहैं
आदि -आदि बहुत सारेकाम सरकार के द्वारा हुए हैं। पर अभी करोड़ों लोगों को कार्य मेंप्रेरि त नहींकि या जा
सका है। वास्तव मेंहोना तो यह चाहि ए कि लोग अपनी सझू -बझू के साथ अपनी आतं रि क शक्ति के बल पर
खड़ेहों और अपनेपास जो कुछ साधन-सामग्री हो, उसेलेकर कुछ करना शरूु कर दें। और फि र सरकार उसमें
आवश्यक मदद करे। उदाहरण के लि ए, गाँव वालेबड़ी-बड़ी पचं वर्षी य योजनाएँनहींसमझ सकेंगे, पर वेलोग
यह बात ज़रूर समझ सकेंगेकि अपनेगाँव मेंकहाँकुआँचाहि ए, कहाँसि चं ाई की ज़रूरत है, कहाँपलु की
आवश्यकता है। बाहर के लोग इन सब बातों सेअनभि ज्ञ होतेहैं।
(i) लोकतंत्र का मलू भतू तत्व है
(क) कर्तव्र्त य-पालन
(ख) लोगों का राज्य
(ग) चनु ाव
(घ) जनमत
(ii) कि सी देश की महानता नि र्भरर्भ करती है
(क) वहाँकी सरकार पर
(ख) वहाँके नि वासि यों पर
(ग) वहाँके इति हास पर
(घ) वहाँकी पँजू ी पर
(iii)सरकार के कामों के बारेमेंकौन-सा कथन सही नहीं है?
(क) वज्ञै ानि क प्रयोगशालाएँबनवाई हैं।
(ख) वि शाल बाँध बनवाए हैं।
(ग) वाहन चालकों को सधु ारा है।
(ग) फौलाद के कारखानो खोलेहैं।
(iv) सरकारी व्यवस्था मेंकि स कमी की ओर लेखक नेसकं ेत कि या है?
(क) गाँव सेजड़ुी समस्याओंके नि दान मेंग्रामीणों की भमिूमिका को नकारना
(ख) योजनाएँठीक सेन बनाना
(ग) आधनिुनिक जानकारी का अभाव
(घ) ज़मीन सेजड़ुी समस्याओंकी ओर ध्यान न देना
(v) ‘झकझोरकर जागतृ करना’ का भाव गद्यांश के अनसु ार होगा
(क) नींद सेजगाना
(ख) सोनेन देना
(ग) ज़ि म्मेदारी नि भाना
(घ) ज़ि म्मेदारि यों के प्रति सचेत करना