लोकतंत्र किन स्थितियों में सामाजिक विविधता को सँभालता है और उनके बीच सामंजस्य बैठाता है?
Answers
उत्तर :
लोकतंत्र निम्न स्थितियों में सामाजिक विविधताओं को संभालता है और उनके बीच सामंजस्य बैठाता है :
(क) अधिकतर देशों में सामाजिक विविधता मौजूद होती है । हर एक समाज में कई प्रकार की विविधताएं होती है जैसे कि धर्म,प्रजाति , जाति, लिंग, संस्कृति इत्यादि। लोकतंत्र अपने सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करता है तथा संविधान के अनुसार किसी भी व्यक्ति के साथ लिंग, रंग ,धर्म ,जाति, संस्कृति इत्यादि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस प्रकार लोकतंत्र अपने सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करता है तथा देश की सामाजिक विविधता को भी समायोजित करता है।
(ख) भारत में अलग-अलग जातियों, पिछड़े वर्गों ,कमजोर वर्गों को समाज के प्रत्येक क्षेत्र में आरक्षण दिया गया है । लोकतंत्र में इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि सरकार केवल बहुसंख्यक लोगों के द्वारा ही नहीं बनाई जाए बल्कि इसमें अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व हो । इस प्रकार लोकतंत्र सामाजिक विविधताओं को भी समायोजित करता है यह न केवल बहुसंख्यकों के हितों का ध्यान रखता है बल्कि समाज के कमजोर वर्गों का भी ध्यान रखता है।
(ग) संसार में लैंगिक भेदभाव साधारण बात है । स्त्रियों के साथ किसी न किसी प्रकार भेदभाव होता ही रहता है। परंतु लोकतंत्र में स्त्रियों और समाज के कमजोर वर्गों को समान अधिकार तथा वोट देने का अधिकार दिया गया है ताकि वह अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर सके। यहां तक कि उन्हें स्थानीय स्व सरकार में प्रतिनिधित्व दिया गया है। हमारे देश का अपना कोई धर्म नहीं है तथा यह किसी भी भाषा को अतिरिक्त लाभ देने का प्रयास नहीं करता है ।इस प्रकार यह देश की सामाजिक विविधताओं को समायोजित करता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
Answer:
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Explanation:
लोकतंत्र निम्न स्थितियों में सामाजिक विविधताओं को संभालता है और उनके बीच सामंजस्य बैठाता है :
(क) अधिकतर देशों में सामाजिक विविधता मौजूद होती है । हर एक समाज में कई प्रकार की विविधताएं होती है जैसे कि धर्म,प्रजाति , जाति, लिंग, संस्कृति इत्यादि। लोकतंत्र अपने सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करता है तथा संविधान के अनुसार किसी भी व्यक्ति के साथ लिंग, रंग ,धर्म ,जाति, संस्कृति इत्यादि के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस प्रकार लोकतंत्र अपने सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करता है तथा देश की सामाजिक विविधता को भी समायोजित करता है।
(ख) भारत में अलग-अलग जातियों, पिछड़े वर्गों ,कमजोर वर्गों को समाज के प्रत्येक क्षेत्र में आरक्षण दिया गया है । लोकतंत्र में इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि सरकार केवल बहुसंख्यक लोगों के द्वारा ही नहीं बनाई जाए बल्कि इसमें अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व हो । इस प्रकार लोकतंत्र सामाजिक विविधताओं को भी समायोजित करता है यह न केवल बहुसंख्यकों के हितों का ध्यान रखता है बल्कि समाज के कमजोर वर्गों का भी ध्यान रखता है।
(ग) संसार में लैंगिक भेदभाव साधारण बात है । स्त्रियों के साथ किसी न किसी प्रकार भेदभाव होता ही रहता है। परंतु लोकतंत्र में स्त्रियों और समाज के कमजोर वर्गों को समान अधिकार तथा वोट देने का अधिकार दिया गया है ताकि वह अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर सके। यहां तक कि उन्हें स्थानीय स्व सरकार में प्रतिनिधित्व दिया गया है। हमारे देश का अपना कोई धर्म नहीं है तथा यह किसी भी भाषा को अतिरिक्त लाभ देने का प्रयास नहीं करता है ।इस प्रकार यह देश की सामाजिक विविधताओं को समायोजित करता है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।