Math, asked by poonamuikey490, 4 months ago

लोकतंत्र के पक्ष एवं विपक्ष में कोई तीन तर्क लिखिए
?
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एक शब्द वाकय में उत्तर दीजिए
कैपिटल की रचना किसने की थी ?
3. दक्षिण अफ्रीका का लोकतांत्रिक संविधान बनाने मे कौन सा टकराव सबसे महत्वपूर्ण
4. पालमपुर गाँव की कोई एक गैर कृषि कियाओं का नाम लिखें?
इण्लैण्ड के जाने-माने उद्योगपति रॉबर्ट ओवेन समाजवादी थे ।
3. लोकतांत्रिक संविधान में शासन प्रमुख का नाम का प्रावधान रहता है।
2. नर्मदा नदी का उद्गम स्थल
दो दार्शनिको के नाम लिखिए जिनके विचारो ने फांसीसी कांति को प्रभावित किया
खूनी रविवार' से कया अभिप्राय है ?
उन देशो के नाम लिखिए जो क्षेत्रफल मे भारत से बड़े है ?
भूगर्भीय प्लेटें क्या है ? लिखिए ।
नेल्सन मण्डेला के जीवन और संघर्ष के बारे मे संक्षिप्त टिप्पणी लिखें ?
21
कारी माली
4)
के उन द्वीप का नाम बताइए जो प्रवाल भित्ती के हैं ?
1. दास
2. भारत
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सत्य सत्य चुनिये
अमरकंटक है ।
5.
काला
बाजारी अर्थ व्यवस्था हिस्सा होता है।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (30 शब्दो मे )
अथवा
6)
अर्थवा
7
अथवा
8)
0
लघु उत्तरीय प्रश्न (75 शब्दो मे )
9) आर्थिक और गैर-आर्थिक कियाओ मे कोई तीन क्या अन्तर लिखे ?
अथवा
प्राथमिक , द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रको मे किस तरह की आर्थिक क्रियाएँ
एक एक उदाहरण सहित समझाए।
10) पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट मे कोई तीन अन्तर लिखिए ?
अथवा
बांगर और खादर मे कोई तीन अन्तर लिखिए ?
गोधन किसे कहते है? लिखिए ।​

Answers

Answered by rina34866
5

Answer:

पक्ष और विपक्ष की चर्चा सबसे ज्यादा राजनीतिक संदर्भ में की जाती है। दोनों एक-दूसरे की न केवल कमियां खोजते हैं, बल्कि दूसरे पर प्रहार भी करते हैं। लेकिन इन दोनों तरह की धारणाएं हमारे मन के अंदर भी हैं। एक समय पर पक्ष आता है और पलक झपकते विपक्ष भी खड़ा हो जाता है। अपने ही अंदर के अनुभवों का इतना बडा संसार है कि हमें और कहीं जाने की जरूरत नहीं, लेकिन हम हैं कि मारे-मारे फिरने लगते हैं। जब भी संकट में पड़ते हैं, तो घबराकर हल ढूंढने की बजाय किसी और के दरवाजे पर दस्तक देने लगते हैं।

विनोबा भावे ने कहा है कि ‘विपरीत परिस्थितियों का मुकाबला करना, उन पर आधी विजय हासिल करने जैसा है।’ इसी तरह की बात जैन विदुषी साध्वी मंजुला कहती हैं- जो खुद को साध लेता है, वह हर प्रश्न का उत्तर खुद से ही पूछ लेता है। लेकिन इसके लिए स्वयं पर भरोसा सबसे जरूरी है। साधने का संबंध आत्म-साधना से है, जो जीवन को अनुशासित और व्यवस्थित करती है। जिसके पास आत्मशक्ति होती है, उसे न तो दुख परेशान करता है और न अपमान हिला पाता है। ऐसे लोग पक्ष और विपक्ष, अच्छे और बुरे, दोनों के साक्षी बन जाते हैं। उन्हें सही और गलत का फैसला करना आ जाता है। इसके लिए मन के ज्ञान को विज्ञान से जोडम्ना जरूरी है। विज्ञान खोज की एक प्रक्रिया है, जिसे हमारा शास्त्र आत्म-मंथन कहता है। विज्ञान और शास्त्र हमेशा साक्षी रहने का भाव जगाते हैं। वे समस्या को संकट के रूप में नहीं, बल्कि समाधान के प्रस्थान बिंदु के रूप में देखते हैं। लेकिन यहां समर्थन और विरोध, दोनों का होना भी जरूरी है। तर्क जितने पक्ष में होते हैं, उससे कहीं ज्यादा विपक्ष में होते हैं। इसी से सही निष्कर्ष पर पहुंचने में कामयाबी मिलती है। लोकतंत्र की तरह ही खुद के भीतर भी पक्ष और विपक्ष का होना आवश्यक है।

Answered by vishakasaxenasl
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Answer:

लोकतंत्र सरकार का एक रूप है जहां किसी राज्य के योग्य सदस्यों का फैसला देश की जनता द्वारा किया जाता है।

Step-by-step explanation:

लोकतंत्र के पक्ष में

1. यह व्यक्तिगत भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।

एक तरह से या किसी अन्य रूप में, यह लोकतंत्र के दायरे में अपने भाग्य को नियंत्रित करने वाले लोग हैं। वे वोट देना चुन सकते हैं या वोट नहीं देना चुन सकते हैं। वे कुछ नीतियों के लिए और दूसरों के खिलाफ वोट कर सकते हैं।

2. यह समानता को बढ़ावा देता है।

लोकतंत्र में हर वोट का एक ही मूल्य होता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपकी लिंग पहचान क्या है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितना पैसा कमाते हैं।

3. यह सरकारी शक्ति का विकेंद्रीकरण करता है।

लोगों पर सत्ता रखने वाली सरकार यह तय कर सकती है कि आबादी कैसे अपना जीवन व्यतीत करती है। लोकतंत्र में, सरकारी शक्ति का विकेंद्रीकरण किया जाता है क्योंकि यह प्रत्येक मतदाता के हाथों में होती है।

लोकतंत्र के विपक्ष में

1. इसके प्रभावी होने के लिए मतदाताओं को अच्छी तरह से सूचित करने की आवश्यकता है।

लोकतंत्र में वोट किस चीज पर दिया जा रहा है, इसकी जानकारी के बिना वोट देना संभव है। इस सरकारी ढांचे के प्रभावी होने के लिए, प्रत्येक मतदान करने वाले व्यक्ति को मतदान के विषय पर अच्छी तरह से वाकिफ होना आवश्यक है।

2. यह पूरी तरह से बहुमत की जरूरतों पर केंद्रित है।

लोकतंत्र की संरचना के भीतर, जो लोग किसी निर्णय पर खुद को अल्पमत में पाते हैं, उन्हें ऐसा लगेगा कि उनके देश ने उनके विचारों और दृष्टिकोणों को नहीं सुना। यदि कोई लगातार आधार पर खुद को अल्पमत में पाता है, तो वह खुद को हाशिए पर महसूस करने लग सकता है।

3. इसमें बहुत समय लगता है।

मतदान के लिए बहुत समय की आवश्यकता होती है। कभी-कभी, हालांकि, निर्णय बहुत जल्दी किया जाना चाहिए

#SPJ3

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