लोकतंत्र के तीन प्रमुख स्तंभ-कार्यपालिका,विधायिका और न्यायपालिका है। इनमें चौथे स्तंभ के रूप
में मीडिया को शामिल किया गया है। कहा जाता है कि किसी भी लोकतंत्र की सफलता और सतत्ता
के के लिए जरूरी है कि उसके चारों स्तंभ मजबूत हो। चारों अपना काम पूरी जिम्मेदारी व निष्ठा से
करें। यहाँ विधायिका जहां कानून बनाती है, कार्यपालिका उन्हें लागू करती है और न्यायपालिका
कानूनों की व्याख्या करती हैं। उनका उल्लंघन करने वालों को सजा देती है। मीडिया यहाँ-वहाँ
समसामयिक विषयों पर लोगों को जागरूक करने और उनकी राय बनाने में बड़ी भूमिका निभाता है।
इसी कारण विश्व में मीडिया एक अलग शक्ति के रूप में उभरा है। स्वराज्य प्राप्ति के बाद और
लिखित संविधान के देश में लागू होने के उपरांत लोकतंत्र के तीनो अंगों के कर्तव्यों , अधिकारो और
दायित्वों के बारे में जनता की जागरूकता बढ़ी है। संविधान निर्माताओं का उद्देश्य रहा है कि तीनों
अंग परस्पर तालमेल से कार्य करेंगे। जिस देश में पंचों को परमेश्वर मानने की परंपरा हो वहाँ
न्यायमूर्तियों पर आक्षेप लगना लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बात है अतः लोकतंत्र चाहता है कि
न्यायपालिका की कार्यशैली पारदर्शी हो जिससे लोगों का विश्वास बना रहे साथ ही न्यायपालिका का
मान सम्मान भी बढ़े।
लोकतंत्र के कितने स्तंभ हैं ? नाम लिखिए?
लोगों को जागरूक करने में किसकी अहम भूमिका है और कैसे?
विधायिका और कार्यपालिका का क्या कार्य है ?
न्यायपालिका का कार्य व कार्य शैली कैसी होनी चाहिए?
संविधान निर्माण का मुख्य उद्देश्य क्या था?
आक्षेप का अर्थ लिखिए?
Answers
Explanation:
संविधान निर्माण का मुख्य उद्देश्य यह था कि सभी कार्यपालिका न्यायपालिका और विधायिका को समान कानून लागू हो तथा सभी को समान कानून प्रदान किए जाए ताकि किसी भी किसी भी कान
Answer:
1. लोकतंत्र के तीन प्रमुख स्तंभ - कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका हैं। इसमें चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया को शामिल किया गया है। कहा जाता है कि किसी भी लोकतंत्र की सफलता और सततता के लिए जरूरी है कि उसके ये चारों स्तंभ मजबूत हों। चारों अपना काम पूरी जिम्मेदारी व निष्ठा से करें। यहाँ विधायिका जहाँ कानून बनाती है, कार्यपालिका उन्हें लागू करती है और न्यायपालिका कानूनों की व्याख्या करती है। उनका उल्लंघन करने वालों को सजा देती है। मीडिया यहाँ-वहाँ समसामयिक विषयों पर लोगों को जागरुक करने और उनकी राय बनाने में बड़ी भूमिका निभाता है। इसी कारण विश्व में मीडिया एक अलग शक्ति के रूप में उभरा है। स्वराज्य प्राप्ति के बाद और लिखित संविधान के देश में लागू होने के उपरांत लोकतंत्र के तीनों अंगों के कर्त्तव्यों, अधिकारों और दायित्वों के बारे में जनता की जागरूकता बढ़ी है। संविधान निर्माताओं का उद्देश्य रहा है कि तीनों अंग परस्पर ताल-मेल से कार्य करेंगे। जिस देश में पंचों को परमेश्वर मानने की परंपरा हो वहाँ न्यायमूर्तियों पर आक्षेप लगना लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बात है अतः लोकतंत्र चाहता है कि न्यायपालिका की कार्यशैली पारदर्शी हो जिससे लोगों का विश्वास बना रहे साथ ही न्यायपालिका का मान-सम्मान भी बढे । (AL CBSE 2014)
Explanation:
AL CBSE 2014