लोकतंत्र का दोष क्या है ?
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HET FRND YOUR ANSWER ✔⬇⬇⬇☺⛤
✴⚫↪⛤मंत्री अपना संवैधानिक कार्य छोड़ कर प्रचार-प्रसार में लगे हैं. अफसर आचार-संहिता की आड़ में जिम्मेवारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं. कई राजनीतिक पार्टियां और राजनेता आचार-संहिता लागू होने के बाद से ही राजनीतिक अनाचार में जुटे हुए हैं. अपराधी, भ्रष्टाचारी, गुंडे लोकतंत्र की गंगा में अपने पाप धो रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय की रोक के बावजूद खुलेआम जातिवाद और धर्म की राजनीति हो रही है. टीवी स्टूडियो में बैठे विशेषज्ञ बड़ी गंभीरता से जातिगत और सांप्रदायिक आधार पर विश्लेषण करने में लगे हुए हैं.
✴⚫↪⛤और सबसे बड़ी बात, क्या लोकतंत्र के नाम पर नेताओं को लूट-खसोट की अनुमति दी जा सकती है? आज वोट की राजनीति के चलते संस्कार, मूल्य, आदर्श सभी नेपथ्य में चले गये हैं. साम-दाम, दंड-भेद और येन-केन प्रकारेण का मंत्र आज राजनीति का मूल-मंत्र बन गया है. विडंबना यह है कि नेता हो या आम आदमी, सभी लोकतंत्र के कसीदे पढ़ रहे हैं. HOPE THIS WILL HELps U..
✴⚫↪⛤मंत्री अपना संवैधानिक कार्य छोड़ कर प्रचार-प्रसार में लगे हैं. अफसर आचार-संहिता की आड़ में जिम्मेवारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं. कई राजनीतिक पार्टियां और राजनेता आचार-संहिता लागू होने के बाद से ही राजनीतिक अनाचार में जुटे हुए हैं. अपराधी, भ्रष्टाचारी, गुंडे लोकतंत्र की गंगा में अपने पाप धो रहे हैं. सर्वोच्च न्यायालय की रोक के बावजूद खुलेआम जातिवाद और धर्म की राजनीति हो रही है. टीवी स्टूडियो में बैठे विशेषज्ञ बड़ी गंभीरता से जातिगत और सांप्रदायिक आधार पर विश्लेषण करने में लगे हुए हैं.
✴⚫↪⛤और सबसे बड़ी बात, क्या लोकतंत्र के नाम पर नेताओं को लूट-खसोट की अनुमति दी जा सकती है? आज वोट की राजनीति के चलते संस्कार, मूल्य, आदर्श सभी नेपथ्य में चले गये हैं. साम-दाम, दंड-भेद और येन-केन प्रकारेण का मंत्र आज राजनीति का मूल-मंत्र बन गया है. विडंबना यह है कि नेता हो या आम आदमी, सभी लोकतंत्र के कसीदे पढ़ रहे हैं. HOPE THIS WILL HELps U..
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