लोकतंत्र में आर्थिक वृद्धि और विकास की व्याख्या कीजिए।
Answers
Answer:
लोकतंत्र(लोकतन्त्र) (शाब्दिक अर्थ "लोगों का शासन", संस्कृत में लोक, "जनता" तथा तंत्र, "शासन",) या प्रजातंत्र(प्रजातन्त्र) एक ऐसी शासन व्यवस्था और लोकतांत्रिक (लोकतान्त्रिक) राज्य दोनों के लिये प्रयुक्त होता है। यद्यपि लोकतंत्र(लोकतन्त्र) शब्द का प्रयोग राजनीतिक सन्दर्भ(संदर्भ) में किया जाता है, किन्तु(किंतु) (लोकतंत्र) का सिद्धान्त(सिद्धांत) दूसरे समूहों और सङ्गठनों(संगठनों) के लिये भी सङ्गत(संगत) है। मूलतः लोकतन्त्र(लोकतंत्र) भिन्न-भिन्न सिद्धान्तों(सिद्धांतों) के मिश्रण बनाती हैै।
लोकतन्त्र(लोकतंत्र) एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसके अन्तर्गत(अंतर्गत) जनता अपनी स्वेच्छा से चुनाव में आए हुए किसी भी दल को मत देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है, तथा उसकी सत्ता बना सकती है। लोकतन्त्र(लोकतंत्र) दो शब्दों से मिलकर बना है ,लोक + तन्त्र(तंत्र) लोक का अर्थ है जनता तथा तन्त्र(तंत्र) का अर्थ है शासन
Answer:
सत्तर के दशक के पूर्व आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक विकास को समान अर्थ के रूप में इस्तेमाल किया जाता था परन्तु इसके बाद के अर्थशास्त्रियों ने इसमें भेद करना शुरू कर दिया और अब इन दोनों शब्दों को अलग अलग अर्थों में प्रयोग किया जाता है.
आर्थिक संवृद्धि की परिभाषा: आर्थिक संवृद्धि से मतलब किसी समयावधि में किसी अर्थव्यवस्था में होने वाली वास्तविक आय में वृद्धि से है. सामान्य रूप से यदि किसी देश की सकल घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होती है तो कहा जाता है कि उस देश में आर्थिक संवृद्धि हो रही है.
आर्थिक विकास की परिभाषा: आर्थिक विकास की परिभाषा आर्थिक संवृद्धि से व्यापक होती है. आर्थिक विकास किसी देश के सामाजिक सांस्कृतिक, आर्थिक, गुणात्मक एवं मात्रात्मक सभी परिवर्तनों से सम्बंधित है. इसका प्रमुख लक्ष्य कुपोषण बीमारी, निरक्षरता और बेरोजगारी को खत्म करना होता है.
आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक विकास के बीच अंतर इस प्रकार है:
1. आर्थिक समृद्धि का मतलब देश के सकल घरेलू उत्पाद, प्रति व्यक्ति आय,में वृद्धि और गरीबों की जनसँख्या में कमी से होता है जबकि आर्थिक विकास से आशय किसी देश की आधारभूत संरचना की मजबूती, सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों से होता है.growth economic development difference
image source:Infra Bazaar Pvt Ltd
वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों में क्या अंतर होता है?
2. आर्थिक विकास एक वृहत धारणा है जबकि आर्थिक संवृद्धि एक लघु धारणा है.
3. आर्थिक संवृद्धि की धारणा आर्थिक विकास के अंतर्गत आती है.
4. आर्थिक संवृद्धि मूलतः उत्पादन की वृद्धि से सम्बंधित है जबकि आर्थिक विकास का सम्बन्ध देश के संवांगीर्ण विकास से सम्बंधित है.
5. आर्थिक विकास का सम्बन्ध विकासशील देशों से माना जाता है जबकि आर्थिक संवृद्धि का सम्बन्ध विकसित देशों से होता है.
6. आर्थिक संवृद्धि में एक व्यक्ति विशेष के विकास या किसी एक इकाई के विकास की बात की जाती है जबकि आर्थिक विकास में सम्पूर्ण देश या समाज के विकास की बात की जाती है.
7. यदि कोई देश आर्थिक रूप से विकसित है तो यह कहा जा सकता है कि वह आर्थिक रूप से संवृद्ध भी है परन्तु यह नही कहा जा सकता कि यदि कोई देश आर्थिक रूप से संवृद्ध हो तो वह आर्थिक रूप से विकसित भी होगा. उदाहरण के रूप में आप खाड़ी के देशों को ले सकते हैं जहाँ पर आर्थिक समृद्धि तो बहुत अधिक आ चुकी है क्योंकि तेल के अधिक उत्पादन के कारण इन देशों की प्रति व्यक्ति आय तो बहुत अधिक है लेकिन आर्थिक समृद्धि नही हो पाई है क्योंकि आधारभूत संरचना का बहुत कम विकास हुआ है.
8. आर्थिक संवृद्धि के मुख्य कारक इस प्रकार हैं: सकल घरेलू उत्पाद, प्रति व्यक्ति आय और ऐसे आर्थिक चर जिनका मात्रात्मक माप संभव हो जबकि आर्थिक विकास के कारकों में शिक्षा, साक्षरता दर, जीवन प्रत्याशा, पोषण का स्तर, स्वास्थ्य सेवाएँ, खाने में पोषक तत्वों की उपलब्धता आदि है.infra development india
image source:India Today
ऊपर दिए गए अंतरों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि आर्थिक विकास और आर्थिक संवृद्धि दोनों में काफी अंतर होने के बावजूद दोनों एक दूसरे के पूरक हैं और एक के बिना दूसरा अधूरा है. विकासशील देशों का ज्यादा ध्यान अपने देश में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर होता है वहीँ दूसरी ओर विकसित देश आर्थिक संवृद्धि पर ज्यादा ध्यान देते हैं.
भारत और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्थाओं की तुलना
Related Stories
विवेकानंद द्वारा कहे गए 10 प्रेरणादायक कथन
राष्ट्रीय युवा दिवस स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस पर ही क्यों मनाया जाता है?
ईस्वी (AD) और ईसा पूर्व (BC) में क्या अंतर होता है?
जानें स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कैसे हुई थी
भारत में जिले का नाम बदलने की क्या प्रक्रिया है और इसमें कितना खर्च आता है?
अगर पुलिस FIR न लिखे तो क्या करना चाहिए?
Related Categories
भारतीय अर्थव्यवस्थाआर्थिक तथ्य
Also Read +