'लोकतंत्र में बहुमत के शासन का अर्थ बहुसंख्यक का शासन नहीं होता'|समझाइए|
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लोकतंत्र (शाब्दिक अर्थ "लोगों का शासन", संस्कृत में लोक, "जनता" तथा तंत्र, "शासन",) या प्रजातंत्र एक ऐसी शासन व्यवस्था और लोकतांत्रिक राज्य दोनों के लिये प्रयुक्त होता है। यद्यपि लोकतंत्र शब्द का प्रयोग राजनीतिक सन्दर्भ में किया जाता है, किन्तु लोकतंत्र का सिद्धान्त दूसरे समूहों और संगठनों के लिये भी संगत है। मूलतः लोकतंत्र भिन्न-भिन्न सिद्धान्तों के मिश्रण बनाती हैै।
लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसके अंतर्गत जनता अपनी मर्जी से चुनाव में आए हुए किसी भी दल को वोट देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है ,तथा उसकी सत्ता बना सकती है। लोकतंत्र दो शब्दों से मिलकर बना है ,लोक + तंत्र लोक का अर्थ है जनता तथा तंत्र का अर्थ है शासन!
लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है, जिसके अंतर्गत जनता अपनी मर्जी से चुनाव में आए हुए किसी भी दल को वोट देकर अपना प्रतिनिधि चुन सकती है ,तथा उसकी सत्ता बना सकती है। लोकतंत्र दो शब्दों से मिलकर बना है ,लोक + तंत्र लोक का अर्थ है जनता तथा तंत्र का अर्थ है शासन!
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bahumat ke shasan ka arth h ki aarthik sakhiya me har samuh ke log ek sath kisi ek vichaar ko mane. bahusankhyak samuh ka nirmaan alag alag samuh va samuh ke log karte h loktantr me bahumat ka sehmat hona zaruri h . antah ham ye keh sakte h ki loktantr me bahumat ke shasan ka arth bahusankhyak shasan nhi h
i hope this is answer is help you
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