लोकतंत्र में पर्दा सीता कैसे स्थापित की जाती है
Answers
Answer:
पारदर्शिता का अर्थ है - खुलापन, सूचना की आसानी से प्राप्ति और उत्तरदायित्व। किसी भी लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था में जवाबदेही और पारदर्शिता बुनियादी मूल्य हैं। सरकार हो या नौकरशाही, पार्टियाँ हों या गैरसरकारी स्वयंसेवी संगठन, सभी से आशा की जाती है कि वे लोगों के प्रति जवाबदेह और पारदर्शी होंगे।
सरकार और नौकरशाही को जनता के प्रति जवाबदेह बनाने और उनके कामकाज में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से भारतीय संसद ने 15 जून 2005 को सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) को पारित किया। इसके तहत केंद्र और राज्यों के स्तर पर सूचना आयुक्त नियुक्त किए गए और नागरिकों को सरकार से सूचना मांगने का अधिकार दिया गया। सरकार के लिए यह सूचना या इसे न देने का कारण 30 दिनों के भीतर मुहैया कराना अनिवार्य बना दिया गया।
सूचना का अधिकार मिलने के बाद इसका उपयोग शुरू हुआ और सक्रिय नागरिकों ने सरकार से ऐसी ऐसी जानकारी हासिल करना शुरू कर दिया जिसके बारे में पहले सोचा भी नहीं जा सकता था। इससे सरकार के कामकाज पर कुछ अंकुश लगा और पारदर्शिता भी बढ़ी। लेकिन सरकार के विभिन्न अंगों को नियंत्रित और संचालित करने वाले राजनीतिक दलों की आंतरिक कार्यशैली, निर्णय प्रक्रिया और उन्हें मिलने वाले धन के स्रोतों के बारे में जानकारी अभी भी गोपनीयता के पर्दे में छिपी रही। भारत में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक बहुत बड़ा कारण है कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के लिए धन जुटाने के लिए हर प्रकार के स्रोत से पैसा लेने की कोशिश करती हैं और अनेक प्रकार के सौदों में शामिल होती हैं।
जिनसे धन लिया जाता है, सत्ता में आने के बाद उन्हें उपकृत करना सत्तारूढ़ राजनीतिक दल की मजबूरी बन जाती है। इसलिए इन दलों को मिलने वाले धन के स्रोत के बारे में जनता को जानकारी होना बहुत जरूरी है। इसके अतिरिक्त लोकतंत्र में सक्रिय राजनीतिक दलों के भीतर कितना लोकतंत्र है और वे किस प्रक्रिया से गुजर कर अपने निर्णय लेते हैं, यह जानना भी जनता के लिए आवश्यक है।
Answer:
1) पहला , लोकतंत्र मै निर्णय कानून या संविधान के अनुसार ही लिए जाते है
2) दूसरे देश के बारे मै जानकर प्राप्त करने की पूरी स्वतंत्रता होती है।
Explanation:
pLeASe MakE Me BrAinLieSt