Political Science, asked by namanseth89o, 1 month ago

लोकतंत्र में विपक्षी दल की भूमिका पर प्रकाश डालिए​

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Answered by googlie
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Answer:

लोकतंत्र में विपक्षी दल बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है

(i) यह दबाव समूह के रूप में कार्य करता है।

(ii) यह सरकार को जुटाता है।

(iii) यह सत्तारूढ़ दल के कामकाज पर नज़र रखता है।

(iv) यह संसद में अलग-अलग विचार रखता है और अपनी विफलताओं या गलत नीतियों के लिए सरकार की आलोचना करता है।

Explanation:

संसदीय लोकतंत्र की सफलता की एक आवश्यक शर्त यह है की एक संगठित विपक्षों दल अवश्य रहे | भारत का यह दुर्भाग्य रहा है की ब्रिटेन और अमेरिका की तरह यहाँ ऐसा कोई विरोधी दल नहीं हैं जो अकेले अपनी सरकार बनाने में समर्थ हो सके | भारत में राजनीतिक दलों के ध्रुवीकरण की दिशा में कभी ठोस कदम नहीं उठाया जा सका | जयप्रकाश नारायण के प्रयास के फलस्वरूप 1977 के चुनाव के अवसर पर पहली बार विपक्ष ने जनता पार्टी के रूप में उभरकर सत्ता प्राप्त की | परंतु, कालांतर में इस दल ने भी अपने को एक गठबंधन सिद्ध कर दिया और बिखरकर पुनः कई दलों में विभक्त हो गया | प्रतिपक्षी एकता के प्रयास के फलस्वरूप 1983 में भारतीय जनता पार्टी और लोकदल द्वारा राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक मोर्चा तथा जनता पार्टी का कांग्रेस (स), लोकतान्त्रिक सामाजिक दल और राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा गठित संयुक्त मोर्चा बना, परंतु यह कांग्रेस (इ) का विकल्प नहीं बन सका | कुछ हद तक चुनावी तालमेल में भले ही इन्हे सफलता मिली, परंतु, भारतीय राजनीति में इनकी कोई स्पष्ट भूमिका देखने को नहीं मिल सकी |

1966 तक कांग्रेस (इ) पार्टी शसक्त बनी रही, परंतु 1966 के बाद लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी एक सशक्त दल के रूप में उभरकर आई और कांग्रेस (इ) को विपक्ष की ही भूमिका निभाने के लिए बाध्य होना पड़ा | 2004 में परिस्थिति में हल्का परिवर्तन हुआ और 2004 के लोकसभा चुनाव में सदन में सर्वाधिक स्थान पानेवाली पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही रही | कई दलों को मिलाकर एक संयुक्त

प्रगतिशील गठबंधन बना और केंद्र में इसी गठबंधन की सरकार बनी | इस प्रकार आठ वर्षों के अंतराल के बाद कांग्रेस पुनः सत्तारूढ़ दल की श्रेणी में आ गई | भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा में विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए बाध्य होना पड़ा | 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्त्ववाले गठबंधन (राजग) के सत्ता में आने के बाद कोई भी दल विरोधी दल का दर्जा पाने में असमर्थ रहा |

Answered by reilegends67
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Answer:

लोकतंत्र में विपक्षी दल की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है :-

•विपक्ष का काम सरकार की कमी निकालना होता है, जिससे सरकर अच्छे काम करती है ।

•विपक्षी दल संसद और विधान सभाओं में सरकार की आलोचना करते है |

•विपक्ष दल सदन में प्रश्न पूछकर स्थगन प्रस्ताव लाकर सरकार पर दबाव बनाता है।

•यह दबाव समूह के रूप में कार्य करता है।

•यह सत्तारूढ़ दल के कामकाज पर निगरानी रखता है।

•यह संसद में अलग-अलग विचार रखता है और अपनी विफलताओं या गलत नीतियों के लिए सरकार की आलोचना करता है |

•विपक्ष सरकार की त्रुटियों को जनता के सामने लाता है।

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