India Languages, asked by kanishka8073, 1 year ago

लोकतंत्र पर कविता please tell me ​

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Answered by Sumit15081947
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Answer:

आँच न आये कभी आन पर घटे न अपनी शान

लोकतंत्र के पहरेदारो! रहे निरन्तर ध्यान॥

माना तुमने लिखा वीरता का नूतन इतिहास,

भारत को गरिमा ने बढ़ छू लिया उच्च आकाश।

बंग-भूमि का कण-कण तुमको सदा करेगा याद,

किन्तु ध्येय पथ से न डिगा दे तुमको विजयोन्माद।

समझ न बैठो तुम अपने कर्त्तव्यों का अवसान।

लोकतंत्र के पहरेदारो! रहे निरन्तर ध्यान॥

भूलो नहीं, शक्ति-संचय में निहित विजय का सार,

झुकता आया सदा शक्ति के सन्मुख यह संसार।

शक्तिहीन का सत्य-अहिंसा-पालन व्यर्थ प्रयास,

क्षमा सोहती उस भुजंग को विष हो जिसके पास।

रक्षित होते सदा शक्ति से देश-धर्म-ईमान।

लोकतंत्र के पहरेदारो! रहे निरन्तर ध्यान॥

लगे न अपने शौर्य-पटल पर कायरता का दाग,

अमर शहीदों के शोणित से जलता स्वत्व चिराग़।

किया समुन्नत शीश राष्ट्र का देकर अपना भाल,

स्वतंत्रता थाती है उनकी रखना इसे सँभाल।

व्यर्थ न होने पाए अगणित वीरों का बलिदान।

लोकतंत्र के पहरेदारो! रहे निरन्तर ध्यान॥

करना होगा मातृभूमि की महिमा का परित्राण,

फिर से इस जर्जरित राष्ट्र का मिल कर नवनिर्माण।

भूख-ग़रीबी बेकारी का करके जड़ से अन्त,

लाना है भारत-वसुधा पर सुख का मधुर वसन्त।

सोने की चिड़िया कहलाए फिर निज देश महान।

लोकतंत्र के पहरेदारो! रहे निरन्तर ध्यान॥

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