Hindi, asked by aambikabais6, 1 month ago

लाखों बार गगरियाँ फूटी शिकन न आई पनघट पर, लाखों बार कश्तियाँ डूबीं चहल-पहल वो ही है तट पर, तम की उमर बढ़ाने वालो! लौ की आयु घटाने वालो! लाख करे पतझर कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है।​

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Answered by mishraaishwarya429
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dgmnetmmeetwteeulruleulle

Answered by 11karmon86275
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Explanation:

ल वो ही है तट पर, तम की उमर बढ़ाने वालो! लौ की आयु घटाने वालो! लाख करे पतझर कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है।​

बार कश्तियाँ डूबीं चहल-पहल वो ही है तट पर, तम की उमर बढ़ाने वालो! लौ की आयु घटाने वालो! लाख करे पतझर कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है।​

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