लेखिका की माँ परंपरा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी। इस कथन
के आलोक में-
(क) लेखिका की माँ की विशेषताएँ लिखिए।
(ख) लेखिका की दादी के घर के माहौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए।
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(क) – लेखिका की माँ के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ थी-
1. वह गाँधीजी के सिधान्तों का पालन करने वाली महिला थी।
2. लेखिका की माँ सत्यवादी, ईमानदार, राष्ट्र की आज़ादी के प्रति जुनून रखने वाली महिला थी।
3. लेखिका की माँ आम भारतीय महिलाओं की तरह बच्चे संभालना, घर गृहस्थी और खाना पकाने तक अपने आप को सीमित नहीं रखना चाहती।
4. उनका व्यक्तित्व इतना प्रभावी था की ठोस कामों में न केवल उनकी राय ली जाती थी बल्कि उसका शत प्रतिशत पालन भी किया जाता था।
(ख) – लेखिका की दादी के घर का माहौल काफ़ी धार्मिक और साहित्यिक था|
लेखिका की दादी के घर का माहौल उस समय के माहौल से काफी अलग था| लेखिका की दादी के घर में स्त्रियों को उचित सम्मान दिया जाता था और सभी को साहित्य में रुचि थी। दादी के घर में सब लोगों को अपनी मर्जीनुसार चलने की आज़ादी थी। घर में पुत्र-पुत्री में भेदभाव नहीं किया जाता था। पुत्र-पुत्री में भेदभाव न करने की बात इससे सिद्ध हो जाती है कि जब परिवार की बहु को संतान होने वाली थी तो लेखिका की दादी ने संतान के रूप में बेटी की कामना की न की रुढ़िवादियों की तरह बेटे की|
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Answer:
लेखिका की माँ की विशेषताएँ लिखिए।
1. उत्तर: लेखिका की माँ की दो विशेषताएँ थीं। एक तो वे हमेशा सच बोलती थीं। इसलिए घर के सभी लोग उनका सम्मान करते थे। दूसरी कि वो कभी भी इधर की बात उधर नहीं करती थीं। इसलिए घर के बाहर के लोग भी उनपर पूरा भरोसा करते थे।
2. उत्तर: लेखिका की दादी के घर में कई लोग रहते थे; जैसा कि किसी भी संयुक्त परिवार में होता है। लेकिन हर व्यक्ति को अपने ढ़ंग से जीने की पूरी छूट थी। कोई भी अपनी इच्छा दूसरे पर नहीं थोपता था।