Hindi, asked by Vedang7691, 9 months ago

लेखिका को तीस्ता नदी के किनारे बैठकर कैसी अनुभूति हुई​

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Answered by shishir303
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लेखिका को तीस्ता नदी के किनारे बेहद अलौकिक अनुभूति हुई। जब लेखिका अपनी सिक्किम यात्रा के दौरान तीस्ता नदी के किनारे बैठे तो ऊपर की तरफ बर्फ से ढके पहाड़ और नीचे की तरफ चाँदी की तरह कौंध मारती तीस्ता नदी देखकर लेखिका का हृदय आनंद से भर उठा। लेखिका को इस वातावरण में बेहद पवित्रता का अनुभव हुआ और ऐसे पवित्र वातावरण में लेखिका आनंदमय हो गई। उसके हृदय में काव्यात्मक भाव उमड़ने लगे।

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