लेखिका मृदुला गर्ग ने कहा है कि उनके घर की महिलाएं लीक से हटकर चलने वाली थी, क्या आप इस कथन से सहमत है, तर्क सहित उत्तर दो।
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लेखिका मृदुला गर्ग ने कहा है कि उनके घर की महिलाएं लीक से हटकर चलने वाली थी, क्या आप इस कथन से सहमत है, तर्क सहित उत्तर दो।
✎... ‘मेरे संग की औरते’ पाठ में लेखिका के परिवार का माहौल भी प्रगतिशील था और सबको अपने ढंग से जीने का आजादी थी। किसी के निजी जीवन में कोई हस्तक्षेप नही था। इस पाठ में महिलाओं का महत्व तथा पुरुषों के समान अधिकार वाले मूल्य उभरकर सामने आते हैं।
इस पाठ में लेखिका की परदादी प्रगतिशील विचारों की प्रतीत होती हैं। उस दौर में जब पुरुष सत्ता प्रधान इस समाज में हमेशा पुत्र की कामना की जाती है। तब लेखिका की परदादी ने अपनी पतोहू (पोते की पत्नी) के लिये पुत्री की कामना की। उनकी इस बात ने महिला को पुरुष के समान महत्व देने की पहल की शुरुआत की। उनका ये कदम उस दौर में एक साहसिक कदम था। इससे उनकी निडरता और प्रगतिशीलता प्रकट होती है। खुद लेेखिका भी काफी प्रगतिशील विचारों की थी। लेखिका के घर की जितनी भी महिलायें थी, उन पर किसी तरह का कोई बंधन नही था. और सबने अपने जीवन का स्वरूप अपनी इच्छा से तय किया, इस तरह हम इस कथन से पूरी तरह सहमत हैं, कि लेखिका मृदुला गर्ग के घर की महिलायें लीक से हट कर चलने वाली थीं।
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Answer:
लेखिका के घर की जितनी भी महिलायें थी, उन पर किसी तरह का कोई बंधन नही था. और सबने अपने जीवन का स्वरूप अपनी इच्छा से तय किया, इस तरह हम इस कथन से पूरी तरह सहमत हैं, कि लेखिका मृदुला गर्ग के घर की महिलायें