लेखिका मन्नू भंडारी अपने पिताजी की किस विरोधाभासी प्रवृति पर विचार करतीं है।CBSE class 10th hindi stritij bhag 2chapter एक कहनी यह भी।मन्नू भंडारी।
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लेखिका की अपने पिता से वैचारिक टकराहट को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: लेखिका के पिता घोर अंतर्विरोधों के बीच जीते थे। एक तरफ उनमें विशिष्ट होने की लालसा थी तो दूसरी ओर वे सामाजिक ढ़ाँचे के अनुकूल ही रहना चाहते थे। लेखिका के मत के अनुसार ये दोनों बातें विरोधाभाषी हैं और इनमें हमेशा टकराव होता है। लेखिका कुछ मामलों में अपने पिता के विपरीत थीं। उन्हें सामाजिक रूढ़ियों को चुनौती देने में मजा आता था। उस जमाने में जब लड़कियों का घर से निकलना भी मना था, लेखिका बाहर जाकर स्वाधीनता संग्राम में बढ़चढ़कर हिस्सा लेती थीं।
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