Hindi, asked by TaquiTabrez, 3 months ago

लेखिका मन्न भंडारी के जीवन से क्या सीखने को मिला​

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Answered by totaloverdose10
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Answer:

धर्मयुग में धारावाहिक रूप से प्रकाशित उपन्यास आपका बंटी से लोकप्रियता प्राप्त करने वाली मन्नू भंडारी विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में प्रेमचंद सृजनपीठ की अध्यक्षा भी रहीं। लेखन का संस्कार उन्हें विरासत में मिला। उनके पिता सुख सम्पतराय भी जाने माने लेखक थे।

Explanation:

लेखिका के व्यक्तित्व पर पिताजी के स्वभाव एवं आदतों का अप्रत्यक्ष रूप से गहरा प्रभाव पड़ा। पिताजी के गोरे रंग के प्रति लगाव ने लेखिका के अंदर हीन-भाव की ग्रंथि पैदा कर दी, क्योंकि वह काली है।

इसी हीन ग्रंथि के कारण लेखिका कभी भी अपनी उपलब्धि पर भरोसा नहीं कर पाती। पिताजी के शक्की स्वभाव का भी लेखिका के व्यक्तित्व पर प्रभाव पड़ा है। उसके अपने स्वभाव में भी शक की झलक दिखाई देती है।

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