लेखिका मन्नू भंडारी के व्यक्तित्व को बनाने बिगाड़ने में उनके पिता की क्या भूमिका रही? पाठ के आधार पर लिखिए।
(cbse class 10 HINDI A question paper 2012)
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लेखिका के व्यक्तित्व को बनाने और बिगाड़ने में उनकी पिटाई की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही।
लेखिका के व्यक्तित्व को बनाने में पिताजी की भूमिका:
१.लेखिका को घर गृहस्थी के कामों से दूर रखकर उसके प्रतिभा और क्षमता को निकालने का अवसर दिया।
२. घर में होने वाली राजनीतिक पार्टियों और बहसों के माध्यम से देश के राजनीतिक घटनाक्रम से परिचित कराया है।
लेखिका के व्यक्तित्व को बिगाड़ने में पिताजी की भूमिका:
१.बचपन में हर बात पर लेखिका को उसकी बड़ी बहन से तुलना करने से लेखिका के मन में हीन भावना की स्थायी ग्रंथि को जन्म दिया।
२. पिताजी के अंतर्विरोधी आदर्शों के कारण ही लेखिका में विद्रोही प्रवृत्ति का जन्म हुआ।
३. पिताजी द्वारा बात-बात पर शक्क करने की आदत ने लेखिका को को भी शक्की बना दिया। इसी से उसके स्वभाव में क्रोध भी आने लगा।
लेखिका के व्यक्तित्व को बनाने में पिताजी की भूमिका:
१.लेखिका को घर गृहस्थी के कामों से दूर रखकर उसके प्रतिभा और क्षमता को निकालने का अवसर दिया।
२. घर में होने वाली राजनीतिक पार्टियों और बहसों के माध्यम से देश के राजनीतिक घटनाक्रम से परिचित कराया है।
लेखिका के व्यक्तित्व को बिगाड़ने में पिताजी की भूमिका:
१.बचपन में हर बात पर लेखिका को उसकी बड़ी बहन से तुलना करने से लेखिका के मन में हीन भावना की स्थायी ग्रंथि को जन्म दिया।
२. पिताजी के अंतर्विरोधी आदर्शों के कारण ही लेखिका में विद्रोही प्रवृत्ति का जन्म हुआ।
३. पिताजी द्वारा बात-बात पर शक्क करने की आदत ने लेखिका को को भी शक्की बना दिया। इसी से उसके स्वभाव में क्रोध भी आने लगा।
arun741:
hi
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