लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थीं?
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उत्तर :
लेखिका ने अपनी नानी को कभी नहीं देखा था परंतु अपनी नानी के बारे में उसने जो कुछ भी सुना था उसके कारण वह उनके व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हुई थी। उसकी नानी ने पारंपरिक, अनपढ़, और पर्दे में रहने वाली महिला होते हुए भी विलायती ढंग से जीवन जीने वाले बैरिस्टर पति के साथ बिना किसी शिकायत के जीवन बिताया था। मरने से पहले पर्दे का लिहाज छोड़कर पति के मित्र स्वतंत्रा सेनानी प्यारे लाल शर्मा से मिली और उनसे यह वचन लिया था कि वे उनकी पुत्री की शादी किसी स्वतंत्रा सेनानी से ही करवाएंगे। उनके इन्हीं क्रांतिकारी कदमों ने लेखिका को प्रभावित किया था।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
लेखिका ने अपनी नानी को कभी नहीं देखा था परंतु अपनी नानी के बारे में उसने जो कुछ भी सुना था उसके कारण वह उनके व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हुई थी। उसकी नानी ने पारंपरिक, अनपढ़, और पर्दे में रहने वाली महिला होते हुए भी विलायती ढंग से जीवन जीने वाले बैरिस्टर पति के साथ बिना किसी शिकायत के जीवन बिताया था। मरने से पहले पर्दे का लिहाज छोड़कर पति के मित्र स्वतंत्रा सेनानी प्यारे लाल शर्मा से मिली और उनसे यह वचन लिया था कि वे उनकी पुत्री की शादी किसी स्वतंत्रा सेनानी से ही करवाएंगे। उनके इन्हीं क्रांतिकारी कदमों ने लेखिका को प्रभावित किया था।
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लेखिका अपनी नानी के स्वतन्त्र और खुले विचारों वाले व्यक्तित्व से अत्यधिक प्रभावित थी।
Explanation:
लेखिका अपनी नानी के निम्नलिखित गुणों से प्रभावित थी:-
- लेखिका पढ़ी-लिखी न होकर भी स्वतन्त्र विचारों वाली महिला थी।
- उनका अपनी बेटी का विवाह एक क्रन्तिकारी से करने के फैसले ने उनकी उदारता और स्वतंत्रता का प्रतीक थी।
- इतने पुराने समय में भी वह पुरुषों से मिलने का साहस और आज़ादी रखती थी।
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