लाख का प्रयोग कब और कहां से शुरू हुआ था भारत के किन किन प्रदेशों/ शहरों में इसका प्रयोग होता है, बताइए।
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लाख का प्रमुख उत्पादक राज्य झारखंड है, इसके बाद छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और भारत के महाराष्ट्र राज्य आते हैं। लाख उत्पादन बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैंड, लाओस, वियतनाम, चीन के कुछ हिस्सों और मैक्सिको में भी पाया जाता है।
Explanation:शब्द संस्कृत के लाक्षा शब्द (लाक्षा) से लिया गया है, जो संख्या 100,000 का प्रतिनिधित्व करता है। इसका उपयोग दोनों लाख कीटों के लिए किया गया था (क्योंकि उनकी भारी संख्या के कारण) और इससे पैदा होने वाले लाल रंग के रेशेदार स्राव। इस राल का उपयोग पारंपरिक और आदिवासी चूड़ियों को बनाने के लिए किया गया है, और अभी भी भारत पोस्ट द्वारा सीलिंग मोम के रूप में उपयोग किया जाता है। यह प्राचीन भारत और पड़ोसी क्षेत्रों में ऊन और रेशम के लिए लकड़ी की फिनिश, त्वचा कॉस्मेटिक और डाई के रूप में भी उपयोग किया जाता है।कभी पूर्वी जंगलों के साथ भारत से यूरोप में लाख राल का आयात किया जाता था।
lac production was started between 1901-1903
major producer of lac is uttrakhand and paschim bengal,uttar pradesh and maharashtra after that