लेखिका परदादी के किन गुणों से प्रभावित थी और क्यों पाठ मेरे संग की औरतें
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‘मेरे संग की औरते’ पाठ में लेखिका ‘मृदुला गर्ग’ परदादी प्रगतिशील विचारों से प्रभावित थी। उस दौर में जब पुरुष सत्ता प्रधान इस समाज में हमेशा पुत्र की कामना की जाती है। तब लेखिका की परदादी ने अपनी पतोहू (पोते की पत्नी) के लिये पुत्री की कामना की। उनकी इस बात ने महिला को पुरुष के समान महत्व देने की पहल की शुरुआत की। उनका ये कदम उस दौर में एक साहसिक कदम था। इससे उनकी निडरता और प्रगतिशीलता प्रकट होती है। उनका जीवन भी अत्यन्त सादगी भरा था। उन्होंने व्रत ले रखा था कि अपने पास दो धोती से अधिक नही रखेंगी। अगर तीसरी धोती हुई तो वो उसे दान कर देंगी।
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Explanation:
lekhika pardadi ke kin guno se prabhavit thi?
वे रूढ़िवादी नहीं थीं।
समाज में बदलाव के पक्षधर थीं।
किसी से डरती नहीं थीं।
चोर को भी प्रेम से वश में करने वाली थीं