लेखांकन में कम्प्यूटर की भूमिका बताइए।
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वित्तीय लेनदेन को दर्ज करने की सुव्यवस्थित प्रणाली को लेखांकन कहा जाता है । कम्प्यूटर के उद्भव से पूर्व लेखांकन का कार्य, कार्यालय के एक कोने में बैठे मुनीम जी द्वारा बहीखातों में हाथ से सम्पन्न किया जाता था ।
लेकिन अब मेज-कुर्सी पर स्क्रीन के आगे बैठा कम्प्यूटर परिचालक, साफ्टवेयर के माध्यम से लेखांकन का कार्य करता हुआ नजर आता है । लेखांकन की प्रक्रिया को जब कम्प्यूटर के माध्यम से दर्ज किया जाता है तो उसे कम्प्यूटर लेखांकन प्रणाली कहते है ।
बड़ी कम्पनियां व बड़े व्यवसायी घरानों द्वारा साफ्टवेयर कम्पनियों के माध्यम से अपने व्यवसाय की विशेष आवश्यकता के अनुरूप कम्प्यूटर लेखांकन कार्यक्रम को तैयार करवाया जाता है ।
छोटे व्यापारियों के लिये बाजार में कम्प्यूटर लेखांकन के अनेक कार्यक्रम उपलब्ध है ।
कम्प्यूटरीकृत लेखांकन डाटाबेस अवधारणा का प्रयोग करता है। ... i) लेखांकन प्रलेखों का निर्माण : कम्प्यूटर लेखांकन में कैश मेमो, बिल चालान आदि प्रलेखों को और लेखांकन प्रमाणकों को तैयार करने में सहायता करता है। लेनदेनों को लिपिबद्ध करना : प्रतिदिन कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर की सहायता से व्यावसायिक लेनदेनों को लिपिबद्ध किया जाता है।
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