लिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए- नाटक उस वक्त पास होता है, जब रसिक समाज उसे पसन्द कर लेता है। बरात का नाटक उस व है, जब राह चलते आदमी उसे पसन्द कर लेते हैं। नाटक की परीक्षा चार-पाँच घण्टे तक होती र की परीक्षा के लिए केवल इतने ही मिनटों का समय होता है। सारी सजावट, सारी दौड़ धूप और तैया पाँच मिनटों में हो जाता है। अगर सबके मुँह से वाह-वाह निकल गया तो तमाशा पास, नहीं तो फेल! फिक्र सब अ
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बरात का नाटक उस व है, जब राह चलते आदमी उसे पसन्द कर लेते हैं। नाटक की परीक्षा चार-पाँच घण्टे तक होती र की परीक्षा के लिए केवल इतने ही मिनटों का समय होता है। सारी सजावट, सारी दौड़ धूप और तैया पाँच मिनटों में हो जाता है। अगर सबके मुँह से वाह-वाह निकल गया तो तमाशा पास, नहीं तो फेल!
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