Hindi, asked by itupriyadarshini, 7 months ago

लिखितवापपानां संस्कृतभाषायाम् र
1 • लेखक कहानी लिखता है । लेरत
2.उद्यान में फूल खिलते हैं । उठा
3• तुम घर की ओर जा रहे हो
4.गेमारी बहन यहीं पढ़ती है।
5.हमलोग बाजार जा रहे हैं । बय

Answers

Answered by RajatPanwar706
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Answer:

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Explanation:

1. कर्ता, क्रिया और धातु

कर्ता—क्रिया के करने वाले को कर्ता कहते हैं; जैसे—राम: पठति। इस वाक्य में ‘राम:’ कर्ता है।

क्रिया-जिसमें किसी काम को करना या होना पाया जाता है, उसे क्रिया कहते हैं; जैसे-रामः, पठति। इस वाक्य में ‘पठति’ क्रिया है।

धातु–क्रिया के मूल रूप को धातु (UPBoardSolutions.com) कहते हैं; जैसे-‘पठति’ क्रिया का मूल रूप ‘पद् (धातु) है।

2. संस्कृत में तीन वचन होते हैं

(1) एकवचन-जिससे किसी एक (वस्तु अथवा व्यक्ति) का बोध होता है; जैसे-वह, राम, बालक, पुस्तक आदि।

(2) द्विवचन-जिससे दो (वस्तुओं अथवा व्यक्तियों) का ज्ञान होता है; जैसे—वे दोनों, दो बालक, दो पुस्तकें आदि।

(3) बहुवचन-जिससे दो से अधिक (वस्तुओं अथवा व्यक्तियों) का बोध होता है; जैसे-वे सब, लड़के, पुस्तकें आदि।

3. संस्कृत में तीन पुरुष होते हैं

(1) प्रथम पुरुष–जिसके सम्बन्ध में बात की जाती है; जैसे—वह (सः), वे दोनों (तौ), वे सब (ते)।

(2) मध्यम पुरुष–जिससे बात की जाती है; जैसे-तुम (त्वम्), तुम दोनों (युवाम्), तुम सब (यूयम्)।

(3) उत्तम पुरुष-स्वयं बात करने वाला; जैसे—मैं (अहम्), हम दोनों (आवाम्), हम सब (वयम्)।

त्वम्, युवाम्, यूयम्, अहम्, आवाम्, वयम्-इन छ: कर्ताओं को छोड़कर अन्य सभी कर्ता प्रथम पुरुष में आते हैं।

4. संस्कृत में लिङ्ग तीन प्रकार के होते हैं

(1) पुंल्लिङ्ग–जिससे पुरुष जाति का बोध होता है; जैसे—स:, रामः, रविः, भानुः आदि।

(2) स्त्रीलिङ्ग–जिससे स्त्री जाति का बोध होता है; जैसे—सा, रमा, मति, धेनु, नदी आदि।

(3) नपुंसकलिङ्ग–जिससे न पुरुष जाति का और (UPBoardSolutions.com) न स्त्री जाति का बोध होता है; जैसे-फल, मधु, वारि, जगत्, मनस् आदि।

5. संस्कृत में मुख्य लकार पाँच होते हैं

(1) लट् लकार (वर्तमानकाल)।

(2) लङ् लकार (भूतकाल)।

(3) लृट् लकार ( भविष्यत्काल)।

(4) लोट् लकार (आज्ञार्थ)।

(5) विधिलिङ् लकार (विध्यर्थ, चाहिए अर्थ में)।

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