लाखए।
4। म
(घ) इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।
(i) देखो इस सारी दुनिया को एक दृष्टि से
सिंचित करो धरा, समता की भाव वृष्टि से।
(ii) धारा के शाश्वत प्रवाह में
इतने गतिमय बनो कि जितना परिवर्तन है।
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i don't know but i am not helping you because you wrote it in Hindi pls write in English
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