Hindi, asked by Anonymous, 2 months ago

लेखक फादर कामिल बुल्के की मृत्यु पर किन-किन मधुर स्मृतियों में खो जाते हैं​

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Answered by payal128282
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Answer:

लेखक फादर कामिल बुल्के को एक दिव्यात्मा मानता था और उनकी यातना भरी मृत्यु से लेखक आहत था। उसके मन में यह भाव उत्पन्न हुए कि फादर कामिल बुल्के जिनके हृदय में सदैव करुणा व्याप्त रहती थी। जो सदैव दूसरों की भलाई सोचते थे। राग और द्वेष जैसे शब्द अवगुण जिन्हें छू तक नही गए थे।

Answered by Sanav1106
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लेखक फादर कामिल बुल्के की मृत्यु पर निम्नलिखित मधुर स्मृतियों में खो जाते हैं:

  • लेखक ने फादर को 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक" कहा है। फादर का होना लेखक के लिए' देवदार के वृक्ष' जैसा था।
  • फादर की मृत्यु ने लेखक को अकेला कर दिया था।
  • फादर को अपनी जन्मभूमि से अधिक भारत, भारतीय संस्कृति एवं हिन्दी से था
  • उनके मन में सबके लिए करुणा एवं स्नेह भरा था।

#SPJ2

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