Hindi, asked by vrsenthamizhan9316, 11 hours ago

लेखक गुरदयाल सिंह अपने छात्र जीवन में छुट्टियों के काम को पूरा करने के लिए योजनाएँ तैयार करते थे। क्या आप की योजनाएँ लेखक की योजनाओं से मेल खाती है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए। (ग) वह तो जब डॉक्टर साहब की जमानत जब्त हो गई तब घर में जरा सन्नाटा हुआ और टोपी ने देखा कि

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Answered by bhatiamona
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लेखक गुरुदयाल सिंह अपने छात्र जीवन में छुट्टियों के काम को पूरा करने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बनाया करते थे, लेकिन वह अपनी योजनाओं को पूरा नहीं कर पाते थे और छुट्टियां खत्म होते-होते अपनी योजना को हड़बड़ी में पूरा करते थे। इससे सारे काम बिगड़ जाते थे।

ऐसी ही स्थिति हमारी भी होती थी हमारे विद्यालय में जब छुट्टियां पड़ती तो हम भी तमाम तरह की योजनाएं बना लेते। वो योजना को अमल मे लाने के लिये रोज कल पर टालते रहते थे। हम पूरा छुट्टियां मौज मस्ती में ही बिता देते थे और इस तरह छुट्टियां बीत जाती हमें पता ही नहीं चलता था। जब छुट्टियां खत्म होने को आती थी तब हमें सब याद आता था कि हमने पढ़ाई के लिए क्या-क्या योजनाएं बनाईं थी। तब हमारे हाथ-पाँव फूल जाते थे और हम हड़बड़ी में सारे कार्य पूरे करते थे।

Answered by YADHUKRISHNAgps96
2

Answer:

लेखक गुरुदयाल सिंह अपने छात्र जीवन में छुट्टियों के काम को पूरा करने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बनाया करते थे, लेकिन वह अपनी योजनाओं को पूरा नहीं कर पाते थे और छुट्टियां खत्म होते-होते अपनी योजना को हड़बड़ी में पूरा करते थे। इससे सारे काम बिगड़ जाते थे।

ऐसी ही स्थिति हमारी भी होती थी हमारे विद्यालय में जब छुट्टियां पड़ती तो हम भी तमाम तरह की योजनाएं बना लेते। वो योजना को अमल मे लाने के लिये रोज कल पर टालते रहते थे। हम पूरा छुट्टियां मौज मस्ती में ही बिता देते थे और इस तरह छुट्टियां बीत जाती हमें पता ही नहीं चलता था। जब छुट्टियां खत्म होने को आती थी तब हमें सब याद आता था कि हमने पढ़ाई के लिए क्या-क्या योजनाएं बनाईं थी। तब हमारे हाथ-पाँव फूल जाते थे और हम हड़बड़ी में सारे कार्य पूरे करते थे।

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Yadhukrishna

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