Hindi, asked by c71, 28 days ago

लेखक गणेश शंकर विद्यार्थी के अनुसार धन ने नहीं धर्म ने हमारे देश में बुद्धि पर पर्दा डालकर

लड़ाया-भिड़ाया है। स्पष्ट कीजिए​

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Answered by shishir303
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¿ लेखक गणेश शंकर विद्यार्थी के अनुसार धन ने नहीं धर्म ने हमारे देश में बुद्धि पर पर्दा डालकर  लड़ाया-भिड़ाया है। स्पष्ट कीजिए​

✎... ‘धर्म की आड़’ पाठ में लेखक गणेश शंकर विद्यार्थी के अनुसार धन ने नहीं बल्कि धर्म ने हमारे देश के लोगों की बुद्धि पर पर्दा डाला है और उन्हें आपस में लड़ा-भिड़ाया है। लेखक कहते हैं कि ईश्वर ऐसे धार्मिक लोगों को बिल्कुल भी पसंद नहीं करता जो धर्म के नाम पर हैवान बन जाते हैं जो दूसरों के साथ हैवानियत का व्यवहार करते हैं। कुछ धर्म के ठेकेदार अपने अनुयायियों को दूसरे धर्म के प्रति भड़काते हैं, जिससे विभिन्न धर्मों के लोगों के मन एक-दूसरे धर्म के प्रति वैमनस्य का भाव पैदा होता है। धर्म का काम लोगों के मन प्रेम और दया पैदा करना है नाकि लोगों के मन में नफरत पैदा करना है। लेकिन वास्तव में ऐसा नही होता।

 

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लेखक के अनुसार धर्म क्या और क्या नहीं है?

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धर्म पर जान लुटाने वालों में किन्हीं दो का नाम बताओ।

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