Hindi, asked by kaushiksantoshi837, 4 months ago

लेखक हरिशंकर परसाई के अनुसार प्रेमचंद का जूता घिसा नहीं था फटा था ,क्यों ?‘प्रेमचंद के फटे जूते ’पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए|​

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Answered by bhatiamona
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लेखक हरिशंकर परसाई के अनुसार प्रेमचंद का जूता घिसा नहीं था फटा था ,क्यों ?‘प्रेमचंद के फटे जूते ’पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए|​

लेखक हरिशंकर परसाई के अनुसार प्रेमचंद का जूता घिसा नहीं था फटा था , क्यों ?

प्रेमचंद के फटे जूते ’पाठ के आधार इस वाक्य का अर्थ है यह है कि प्रेमचंद का जूता घिसा नहीं था फटा था क्योंकि उन्होंने रास्ते में आई हर मुसीबत को ठोकर मार कर वह हमेशा आगे बढ़ते रहे | समाज में फैली कुरीतियों का उन्होंने बहिष्कार किया |  उन्होंने अपने रास्ते आए संकटों को ठोकर मार कर हमेशा हटाया |

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