Hindi, asked by Aloninahar8335, 1 year ago

लेखक इस बात का अनुमान क्यों नहीं लगाया पाया होगा कि उस सन्यासी ने अपने मृत्यु पर रोने वालों के बारे में सोचा होगा या नहीं कक्षा 10 अध्याय 13 मानवीय करुणा की दिव्य चमक आंसर दीजिए

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Answered by Anonymous
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Answer:

फादर बुल्के के पोर पोर से ममता झलकती थी। उनकी नीली आँखें हमेशा प्यार भरा आमंत्रण देती थीं। देवदार की छाया घनी होती है जिससे थके हुए पथिक को आराम मिलता है। इसलिए लेखक को फादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी लगती थी।

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