लेखक जब उदास होता है तब उसके सामने किसकी छाया नाच उठती है?
क . मां की
ख. पिताजी की
ग. दादाजी की
घ. दादी मां की
Answers
Answer:
ma ki chaya aa jati hai
okk
Answer:
जब लेखक उदास होता है तो उसकी दादी की परछाई उसके सामने नाचती है।
Explanation:
यह कहानी शिवप्रसाद सिंह की है जिसमें लेखक अपनी दादी का वर्णन करता है और बड़ों के महत्व को दर्शाता है। लेखक बड़ा हो गया था। उन्होंने अब तक अनेक प्रकार के सुख-दुःख देखे थे, परन्तु जरा सी भी कठिनाई होने पर मन उदासीन हो जाता था। दोस्त उसके सामने उसके साथ रहने का नाटक करते थे, लेकिन पीठ पीछे उसे कमजोर कहकर उसका मजाक उड़ाते थे। ऐसे समय में लेखक को अपनी दादी की बहुत याद आती थी। लेखक की दादी स्नेह, स्नेह, दया की प्रतिमूर्ति थीं।
बच्चों के बीच लेखक को बरसात के दिनों में बदबूदार पानी में कूदना पसंद था, जिसके कारण उसे एक बार बुखार हो गया था। उस समय उन्हें बीमार पड़ना भी अच्छा लगता था। बीमारी में उन्हें दिन भर नींबू और साबूदाना मिलता रहता था, लेकिन इस बार उन्हें जो बुखार आया था वह कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था. उनकी दादी उनके माथे पर कुछ अदृश्य मिट्टी के बर्तन रखती थीं। वह उसका बहुत ख्याल रखती थी। दादी को गाँवों में उपलब्ध अट्ठासी प्रकार की औषधियों के नाम याद आ गए। उसे गंदगी बिल्कुल पसंद नहीं थी। लेखक आज भी बीमार पड़ता है, लेकिन मेस महाराज खुद संभाल लेते हैं। डॉक्टर का चेहरा देखते ही अब उनका बुखार उतर जाता है। अब लेखक का बीमार पड़ने का मन नहीं कर रहा था।
#SPJ3