Hindi, asked by shp0520021jeevan, 6 months ago

लेखक को ऐसा क्यों लगा कि पूरी जिंदगी इसी बस में निकालनी पड़ेगी​

Answers

Answered by shurtigoel487
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Answer:

kyuki bas boht kharab halat mein thi aur bhoodi bhi ho gayi thi

Answered by strivedijnp
5

Answer:

लेखक को ऐसा क्योंकी बस के एक पुलिया के ऊपर पहुँचते ही एक टायर फिस्स करके बैठ गया। वह बहुत जोर से हिलकर थम गई। अगर स्पीड में होती तो उछलकर नाले में गिर जाती। कवि ने उस कंपनी के हिस्सेदार की तरफ पहली बार श्रद्धाभाव से देखा। वह टायरों की हालत जानते हैं फिर भी जान हथेली पर लेकर इसी बस से सफ़र कर रहे हैं।अगर बस नाले में गिर पड़ती तो वे सब मर जाते कवि ने सोचा इस आदमी के साहस और बलिदान भावना का सही उपयोग नहीं हो रहा है। इसे तो किसी क्रांतिकारी आंदोलन का नेता होना चाहिए । थोड़ी देर बाद दूसरा घिसा टायर लगाकर बस फिर चली तब उन्होने वक्त पर पन्ना पहुँचने की उम्मीद छोड़ दी थी।लगता था, उन्होने सोचा की लगता है जिंदगी इसी बस में गुजारनी है अैर इससे सीधे उस लोक को प्रयाण कर जाना है। इस पृथ्वी पर उसकी कोई मंजिल नहीं है।

hope it's helpful

thanks

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