लेखक के अनुसार कृपया गंदा मत कीजिए' वाक्य का अर्थ सभी के लिए असमान है। क्या आप इससे
सहमत हैं? अपने उत्तर की पुष्टि कीजिए।
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कृपया गंदा मत कीजिए
देवेंद्रनाथ शर्मा
अभी मैं एक सार्वजनिक स्थान पर खड़ा हूँ। सामने लिखा है - 'कृपया गंदा मत कीजिए। इस आदेश, निदेश या उपदेश के साथ यदि यह भी लिखा होता कि गंदा शब्द से क्या अभिप्रेत है तो मुझे इसका अर्थ समझने में सहूलियत होती। शब्द और • अर्थ का रात-दिन विचार करते-करते मुझे प्रत्येक शब्द के अर्थ में संदेह हो जाता है। जो लोग धड़ल्ले से शब्दों का प्रयोग करते हैं वे सचमुच कितने भाग्यशाली हैं? मैं तो उपर्युक्त वाक्य को लेकर देश, काल, पात्र आदि की उलझन में पड़ गया हूँ। गंदा का जो अर्थ मेरी दृष्टि में है वही बहुतों की दृष्टि में नहीं है। मैं मिट्टी के स्पर्श से बचना चाहता हूँ क्योंकि उसमें मुझे गंदगी दीखती है। कपड़े पर मिट्टी का धब्बा आँखों को खटकने लगता है क्योंकि उससे मेरी नागरिकता और सभ्यता में बट्टा लगता है। किंतु ऐसे करोड़ों लोग हैं जिन्हें मिट्टी से इतना प्यार है कि वे उससे अलग रहने की कल्पना भी नहीं कर सकते। वे तो वस्तुतः मिट्टी में सने रहते हैं और उन्हें मिट्टी का स्पर्श • उतना ही सुखद और प्रिय है जितना मुझे चंदन का। मेरी और • उनकी दृष्टि में जो भेद है वह गंदगी की धारणा में भी भेद उपस्थित करता है। जो मेरी दृष्टि में गंदा है वह उनकी दृष्टि में गंदा तो नहीं ही है, साफ है और पवित्र भी। स्वभावतः गंदा मत कीजिए' इस सूचना को पढ़कर जो प्रतिक्रिया मेरे मन में उत्पन्न होती है वही उनके मन में नहीं होती। इसलिए वे अपनी दृष्टि से सफाई बरतते हुए भी मेरी दृष्टि से गंदगी पैदा करते हैं।