Hindi, asked by punu16, 1 year ago

लेखक के अनुसार स्वाधीनता आंदोलन का कौन सा दिन बुरा था? Please answer

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Answered by Anonymous
16

लेखक के अनुसार स्वाधीनता आंदोलन का

दिन बहुत बुरा था । ऐसा इसलिए क्योंकि ,

उस दिन ( स्वाधीनता आंदोलन के दिन ) धर्मो

को महत्ता प्रदान करने के लिए बड़े यत्न ( या

यूं कहें श्रम ) किए जा रहें थे। जो पैगंबर के

प्रतिनिधि बने फिरते है , उनको तथा विभिन्न

धर्म उद्योग से जुड़े लोगों को ( जैसे - विभिन्न

धर्म के आचार्य , मौलवी आदि को ) , इस

आंदोलन ( स्वाधीनता आंदोलन ) में उनको

महत्वूर्ण माना जाने लगा ।

सरल शब्दों में कहें तो , जो धर्म को उद्योग

और ठेकादारी समझते है ( जिनके लिए धर्म

केवल पैसा कमाने का साधन है ) , उनको

स्वाधीनता आंदोलन में अत्यंत महत्ता देना ।

उस दिन को 'स्वाधीनता आंदोलन ' का सबसे

बुरा दिन लेखक ने कहा है।

Answered by shreekayarkar
3

Answer:

आज़ादी के आंदोलन के दौरान सबसे बुरा दिन वह था जब स्वाधीनता के लिए खिलाफ़त, मुँल्ला-मौलवियों और धर्माचार्यों को आवश्यकता से अधिक महत्त्व दिया गया।

Explanation:

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