लेखक के अनुसार स्वाधीनता आंदोलन का कौन सा दिन बुरा था? Please answer
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लेखक के अनुसार स्वाधीनता आंदोलन का
दिन बहुत बुरा था । ऐसा इसलिए क्योंकि ,
उस दिन ( स्वाधीनता आंदोलन के दिन ) धर्मो
को महत्ता प्रदान करने के लिए बड़े यत्न ( या
यूं कहें श्रम ) किए जा रहें थे। जो पैगंबर के
प्रतिनिधि बने फिरते है , उनको तथा विभिन्न
धर्म उद्योग से जुड़े लोगों को ( जैसे - विभिन्न
धर्म के आचार्य , मौलवी आदि को ) , इस
आंदोलन ( स्वाधीनता आंदोलन ) में उनको
महत्वूर्ण माना जाने लगा ।
सरल शब्दों में कहें तो , जो धर्म को उद्योग
और ठेकादारी समझते है ( जिनके लिए धर्म
केवल पैसा कमाने का साधन है ) , उनको
स्वाधीनता आंदोलन में अत्यंत महत्ता देना ।
उस दिन को 'स्वाधीनता आंदोलन ' का सबसे
बुरा दिन लेखक ने कहा है।
Answer:
आज़ादी के आंदोलन के दौरान सबसे बुरा दिन वह था जब स्वाधीनता के लिए खिलाफ़त, मुँल्ला-मौलवियों और धर्माचार्यों को आवश्यकता से अधिक महत्त्व दिया गया।
Explanation:
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