लेखक के अनुसार समाज के उच्च वर्ग में चाहे जो भी होता रहा हो, भीतर-ही-भीतर भारतवर्ष अब यह अनुभव कर रहा है कि धर्म कानून से बड़ी चीज़ है। आपके क्या विचार हैं? लिखिए। class 8 vasanth ch 7 pls hurry up
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धर्म को लेखक ने माना है – सच्चाई, ईमानदारी के रास्ते पर चलने वाले लोग। ... इस बात के पर्याप्त प्रमाण खोजे जा सकते हैं कि समाज के ऊपरी वर्ग में चाहे जो भी होता रहा हो, भीतर-भीतर भारतवर्ष अब भी यह अनुभव कर रहा है कि धर्म कानून से बड़ी चीज है। अब भी सेवा, ईमानदारी, सच्चाई और आध्यात्मिकता के मूल्य बने हुए हैं।
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