Hindi, asked by rihamg0703, 6 months ago

लेखक के अनुसार धर्म क्या और क्या नहीं है?
From chapter- Dharm ki aad (class 9)

Answers

Answered by shishir303
5

‘गणेश शंकर विद्यार्थी’ द्वारा लिखित “धर्म की आड़” पाठ में लेखक के अनुसार धर्म का मतलब सदाचार और शुद्ध आचरण करना है। जो प्रेम और सद्भाव का संदेश दे वह धर्म है। अपने स्वार्थ के लिए लोगों को गुमराह कर शोषण करना धर्म के नाम पर दंगे-फसाद करना, नफरत फैलाना और भेदभाव करना धर्म नहीं है। लेखक के अनुसार धर्म हमेशा हमें सहनशील बनने की सीख देता है, वह हमें भाईचारे से रहने और सब का सम्मान करने की सीख देता है। वह मानव कल्याण के लिए होता है। जो लोग धर्म की आड़ में अपने स्वार्थ की पूर्ति करते हैं, लोगों में नफरत फैलाते हैं, उन्हें बांटते हैं, वह धर्म नहीं है।

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पाश्चात्य देशों में, धनी लोगों की, गरीब मजदूरों की झोपड़ी का मज़ाक उड़ाती हुई अट्टालिकाएँ आकाश से बातें करती हैं! गरीबों की कमाई ही से वे मोटे पड़ते हैं, और उसी के बल से, वे सदा इस बात का प्रयत्न करते हैं कि गरीब सदा चूसे जाते रहें। यह भयंकर अवस्था है! इसी के कारण, साम्यवाद, बोल्शेविज्म आदि का जन्म हुआ।

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