लेखक के बड़े भाई ने चिट्ठियों को किस डाकखाने में डालने को कहा था ?
Answers
लेखक के बड़े भाई ने चिट्ठियों को मक्खनपुर डाकखाने में डालने के लिए कहा था।
व्याख्या :
‘स्मृति’ पाठ में लेखक के बड़े भाई ने लेखक को कुछ चिट्ठियों को देकर कहा कि इन्हें मक्खनपुर डाकखाने में डाल आओ। जल्दी से जाना, जिससे शाम की डाक से चिट्ठियां निकल जाएं। यह बड़ी जरूरी चिट्ठियां है। उस समय जाड़े के दिन पड़ रहे थे लेखक किसी तरह अपनी कानों को धोती से बांधकर चिट्ठियां डालने के लिए हाथ में एक डंडा लेकर अपने छोटे भाई के साथ निकल पड़ा। उसकी माँ ने साथ में थोड़े चने भी धोती में बांध दिए। रास्ते में शरारत के चक्कर में लेखक ने वे चिट्ठियां किया एक कुएं में गिरा दीं। उस कुएँ में एक साँप था। अब लेखक को अपने भाई की पिटाई का डर था क्योंकि यदि वह चिट्टियां समय पर नहीं पहुंची तो भाई के हाथों बहुत पिटाई होगी। इसीलिए लेखक ने साँप वाले कुएं में उतर कर चिट्ठियां निकालने का निश्चय किया।