Hindi, asked by gulabchanddhivar0, 2 months ago

लेखक के एक मित्र बाजार गया तो ढेर सारा सामान खरीद लाए दूसरे मित्र पूरे दिन बाजार में रहकर भी खाली हाथ लौट आए । दोनो के व्यवहार और सोचने के अंतर को स्पष्ट कीजिए​

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Answered by shishir303
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लेखक के एक मित्र बाजार गये तो वह ढेर सारा सामान खरीद लाये और दूसरे मित्र पूरे दिन बाजार में रहकर भी खाली लौट आए। दोनों के व्यवहार और सोच में यह अंतर है कि एक मित्र बाजार के भ्रमजाल में फंस गए। बाजार की चकाचौंध से वशीभूत होकर उन्होंने अपनी परचेसिंग पावर प्रदर्शित करनी शुरू कर दी, इसीलिए वह बाजार से ढेर सारा सामान खरीद जाए भले ही उसकी आवश्यकता ना हो। जबकि दूसरे मित्र बाजार गए तो उनका भी बहुत कुछ सामान लेने का मन हुआष वह सब कुछ लेना चाहते थे, लेकिन वह यह सोचते रहे कि क्या ना लूं, सब कुछ तो लेने का मन कर रहा है। इसीलिए वह खाली हाथ वापस लौट आए। उन्होंने बाजार की चकाचौंध के आगे नतमस्तक होकर अपनी परचेसिंग पावर का प्रदर्शन नहीं किया। दोनों की सोच में यही अंतर था।

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