Hindi, asked by koshalparashar45, 5 months ago

लेखकों के की हकीकत से क्यों बेचना था​

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Answered by Anonymous
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Answer:

Question 1:

रजा ने अकोला में ड्राइंग अध्यापक की नौकरी की पेशकश क्यों नहीं स्वीकार की?

ANSWER:

मध्यप्रदेश सरकार की ओर से लेखक को जे. जे. स्कूल में दाखिला के लिए छात्रवृत्ति मिली थी। मगर समय पर लेखक वहाँ दाखिला नहीं ले पाए और उनका आधा साल नष्ट हो गया। इस कारण उनसे जे. जे. स्कूल से मिली छात्रवृत्ति वापिस ले ली गई। मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें अकोला नामक स्थान में ड्रांइग अध्यापक की नौकरी की पेशकश की मगर अब लेखक वहाँ वापिस नहीं जाना चाहते थे। मुंबई उन्हें रास आ गई थी। अब वे यहीं रूकना चाहते थे। उन्हें यहाँ रहकर अध्ययन करना था। अतः उन्हें इस पेशकश को अस्वीकार कर दिया।

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Question 2:

बंबई में रहकर कला के अध्ययन के लिए रजा ने क्या-क्या संघर्ष किए?

ANSWER:

बंबई में रहकर कला के अध्ययन के लिए रजा ने निम्नलिखित संघर्ष किए-

(क) वह पूरा दिन आर्ट डिजाइनर का काम करता था।

(ख) उसके बाद वह मोहन आर्ट क्लब जाकर अध्ययन करता था।

(ग) उसके पास रहने के लिए ठिकाना नहीं था। कई बार घर बदले। एक बार एक कार ड्राइवर के साथ जेकब सर्कल सात रास्ता में भी रहें, जब वहाँ समस्या आई तो उनके मालिक द्वारा रहने के लिए घर दिया गया।

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Question 3:

भले ही 1947 और 1948 में महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी हों, मेरे लिए वे कठिन बरस थे। रजा ने ऐसा क्यों कहा?

ANSWER:

रजा ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि इन वर्षों में पहले उनकी माता की मृत्यु हो गई थी। 1947 में देश का विभाजन हो गया। ठीक इसी समय उन्हें जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट में 1947 में दाखिला मिल गया। पिताजी कुछ समय के लिए रहने आए मगर 1948 में उनके पिता की मृत्यु भी हो गई। घर की ज़िम्मेदारी उन पर आन पड़ी। वे 1948 में श्रीनगर घुमने गए थे। यहाँ वे कुछ समय के लिए फंस गए थे। इस समय कबाइली आक्रमण ने कश्मीर को दहला दिया।

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Question 4:

रजा के पसंदीदा फ्रेंच कलाकार कौन थे?

ANSWER:

रजान के पसंदीदा फ्रेंच कलाकार इस प्रकार थे-

• मातीस

• गोगाँ

• वॉन गॉग

• सेजाँ

• ब्रॉक

• पिकासो

• शागाल

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Question 5:

तुम्हारे चित्रों में रंग है, भावना है, लेकिन रचना नहीं है। चित्र इमारत की ही तरह बनाया जाता है- आधार, नींव, दीवारें, बीम, छत; और तब जाकर वह टिकता है- यह बात

(क) किसने, किस संदर्भ में कही?

(ख) रजा पर इसका क्या प्रभाव पड़ा?

ANSWER:

(क) यह बात हेनरी कार्तिए ब्रेसाँ ने कही थी। वे प्रेंच के प्रसिद्ध फोटोग्राफर थे। यह बात उन्होंने लेखक के चित्र को देखकर कही थी। उनके अनुसार लेखक के चित्रों में रंग है, तथा भावना है मगर उसमें रचना का अभाव है।

(ख) रजा पर इसका बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने सर्वप्रथम फ्रेंच सीखना आरंभ कर दिया। उसके लिए उन्होंने अलयांस फ्रांसे में दाखिला ले लिया। वे फ्रेंच की कला में रचना और बनावट सीखना चाहते थे।

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Question 1:

रजा को जलील साहब जैसे लोगों का सहारा न मिला होता तो क्या तब भी वे एक जाने-माने चित्रकार होते? तर्क दीजिए।

ANSWER:

जलील साहब ने रजा को रखा ही उनके काम की वजह से था। उन्होंने रजा पर कोई दया नहीं की थी। रजा के अंदर काम को लेकर जो संपर्ण था। वह स्पष्ट रूप से दिखाई देता था। जलील साहब के लिए रजा एक काम करने वाले मेहनती व्यक्ति थे। वे लेखक पर निर्भर थे, लेखक उन पर निर्भर नहीं था। उनका काम बोलता था। यदि जलील साहब न होते, तो भी देर-सबेर उनकी प्रतिभा सबके सामने आ ही जाती।

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Question 2:

चित्रकला व्यवसाय नहीं, अंतरात्मा की पुकार है- इस कथन के आलोक में कला के वर्तमान और भविष्य पर विचार कीजिए।

ANSWER:

यह बिलकुल सत्य है कि चित्रकला व्यवसाय नहीं है, अंतरात्मा की पुकार है। यह वह पुकार है, जो कैनवस पर उभरकर आती है। हम यह सत्य नहीं भूल सकते हैं कि एक चित्रकार को भी अपने जीवन को बेहतर ढंग से चलाने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है। यह एक चित्रकार की विवश्ता है कि उसे अपनी कला को बेचना पड़ता है। दूसरे उसे अपनी कला के प्रदर्शन के लिए भी पैसों की आवश्यकता है। आज कितने ही चित्रकार होंगे, जो पैसों के अभाव में गुमानी के अँधेरों में खो जाते हैं। आज के समय में चित्रकला का भविष्य उज्जवल है। चित्रकारों को उनकी कला का भरपूर दाम मिल रहा है। हम यह कह सकते हैं कि पैसों के लालच में चित्रकारों ने कला के साथ अन्याय किया है मगर उनकी मांग बनी हुई है। इनका आने वाला भविष्य और भी सुनहरा है। अब लोग चित्रकार तथा उनकी कला की कीमत समझते हैं।

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Question 3:

हमें लगता था कि हम पहाड़ हिला सकते हैं- आप किन क्षणों में ऐसा सोचते हैं?

ANSWER:

जब देश में आतंकवादी हमलों या जाति दंगों की बात होती है, तो हमें लगता है कि हम पहाड़ हिला सकते हैं। मगर यह सही नहीं है। हकीकत मानने और होने में बहुत अंतर होता है। पिताजी को जब हम प्रतियोगिता में प्रथम आने की उम्मीद देते हैं, तब भी हम ऐसा ही सोचते हैं। हमें लगता है कि यह हमारे लिए असंभव कार्य नहीं है। सच्चाई सामने आती है, तो पता चलता है कि यह कितना मुश्किल है।

Answered by Anonymous
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Answer:

thanks for asking question....

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