लेखक को किस बात का यकीन नहीं हो रहा था?
अपनी दादी माँँ की मृत्यु पर
अपने बड़े भाई की शादी पर
दादी का कंगन बिक जाने पर
उनकी नौकरी जाने पर
Answers
hey mate
- where is the chapter ?
- without the chapter no one can answer
लेखक को किस बात का यकीन नहीं हो रहा था?
अपनी दादी माँँ की मृत्यु पर
अपने बड़े भाई की शादी पर
दादी का कंगन बिक जाने पर
उनकी नौकरी जाने पर
इसका सही जवाब है :
अपनी दादी माँँ की मृत्यु पर
व्याख्या :
लेखक को अपनी दादी मां की मृत्यु का समाचार सुनकर यकीन नहीं हो रहा था। जब लेखक को गाँव से पत्र प्राप्त हुआ और उस पत्र में यह लिखा था कि लेखक की दादी माँ की मृत्यु हो गई है, तो लेखक को अचानक इस बात पर बिल्कुल भी यकीन नहीं हुआ।
लेकक अपने दादी के साथ बिताए गए बिताए गए बचपन के वे सभी पल याद आ जाते हैं। लेखक के बचपन की वह सारी यादें सजीव हो उठती हैं, जब लेखक अपने गांव में रहता था और दीपक की दादी मां लेखक का खूब ध्यान रखती थी।
अपनी दादी माँ के हर स्वभाव का इस पाठ में वर्णन किया है। बाद में लेखक बड़ा होने पर शहर चला आया और लेखक की दादी माँ गांव में ही रह गई। एक दिन अचानक दादी माँ की मृत्यु के समाचार वाला पत्र प्राप्त हुआ, तो इस बात पर यकीन ही नहीं हो रहा था।
#SPJ3
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