. लेखक को कई रात ज़मीन पर सोना पड़ा था।
Answers
Answered by
0
Answer:
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला :: :: :: कंजूस और सोना :: बाल साहित्य एक आदमी था, जिसके पास काफी जमींदारी थी, मगर दुनिया की किसी दूसरी चीज से सोने की उसे अधिक चाह थी। इसलिए पास जितनी जमीन थी, कुल उसने बेच डाली और उसे कई सोने के टुकड़ों में बदला।
Explanation:
Similar questions