Hindi, asked by nsudharshanreddy2, 4 months ago

लेखक का मन कभी - कभी क्यों निराश हो जाता​

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Answered by Anonymous
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समाचार - पत्रों में ठगी, डकैती, चोरी, तस्करी और भ्रष्टाचार के समाचार भरे रहते हैं। आरोप -प्रत्यारोप का कुछ ऐसा वातावरण बन गया है कि लगता है, देश में कोई ईमानदार आदमी ही नहीं रह गया है। ... यह सब देखकर लेखक का मन बैठ जाता है।

Answered by deepaksingh6331
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समाचार – पत्रों में ठगी, डकैती, चोरी, तस्करी और भ्रष्टाचार के समाचार भरे रहते हैं। आरोप -प्रत्यारोप का कुछ ऐसा वातावरण बन गया है कि लगता है, देश में कोई ईमानदार आदमी ही नहीं रह गया है। हर व्यक्ति संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है। जो जितने ही ऊँचे पद पर हैं उनमें उतने ही अधिक दोष दिखाए जाते हैं। यह सब देखकर लेखक का मन बैठ जाता है।

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