लेखक का मन यहाँ से ऊब गया था।. Single choice.
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लेखक का मन यहाँ से ऊब गया था।
लेखक का मन अतिथि से ऊब चुका था।
व्याख्या :
‘अतिथि तुम कब जाओगे’ पाठ में जब लेखक के घर अतिथि बहुत ज्यादा दिन ठहर गया तो लेखक का मम अतिथि से ऊबने लगा। लेखक का मन चाह रहा था कि अतिथि किसी तरह सम्मान के साथ विदा हो जाए, लेकिन अतिथि जाने का नाम ही नहीं ले रहा। इससे लेखक का मन अतिथि से ऊबने लगा। लेखक अतिथि को इशारों-इशारों में समझाने लगा, अब तुम्हारे जाने का समय हो गया है, लेकिन अतिथि अभी और रुकना चाहता था जो कि लेखक के लिए असहनशील बनता जा रहा था।
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