लेखक के मत से टॉग टूटना सार्वजनिक अस्पताल में भनी घेता.
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\bf{ Here \: is \: the \: answer}Hereistheanswer
देश में अनगिनत निजी अस्पाल है , परन्तु देश की आधी गरीब जनता सार्वजनिक अस्पतालों पर ही निर्भर है । ईन अस्पतालों की हालत बहुत दयनीय है । इन अस्पालों की एक्स रे आदि मशीनों का कोई ठिकानान नहीं होता। गरीबों को इलाज के स्थान पर तकलीफ ही मिलती है । सार्वजनिक अस्पतालों में समय पर डॉक्टर भी नहीं मिलते । डॉक्टर यदि मिले तो दवाइयां नहीं मिलती । इसीलिए मरीजों को महंगे दामों पर बाहर से दवाइयां खरीदने को बाध्य होना पड़ता है।
इसीलिए लोग इन अस्पतालों में जाने से कतराते है । यह परेशानियां मरीजों को सार्वजनिक अस्पतालों में होती है ।
धन्यवाद ।
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