Hindi, asked by rajput7668555045, 7 months ago

लेखक को नवाब साहब का मौन रहना भी अखर रहा था और बातें करना भी कचोटने जैसा।क्यों?​

Answers

Answered by rudraksh9084212297
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Explanation:

लेखक को दोनों तरफ से उसका अहंकार कचोट रहा था लेखक अपने सामने नवाब को महत्व नहीं देना चाहता था इसलिए व्यवहारिक प्रक्रिया भी वादन आदि से बचता रहा और अपेक्षा कर रहा था कि नवाब ही शुरू करें फिर नवाब ने कुछ सोच कर अभिवादन से संगति करने की पहल की तो ऐसा लगा कि लेखक नवाब को नवाबी ठाठ दिखा रहा था अतः लेखक को नवाब साहब का मौन रहना और बातें करना दोनों ही अच्छा नहीं लगा |

Answered by syed2020ashaels
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Answer:

लेखक को नवाब साहब का मौन रहना भी अखर रहा था और बातें करना भी कचोटने जैसा का आश्रय हैं की लेखक को किन हाव–भावों से पता चला की नवाब साहब उनसे मेल झोल के इच्छुक क्यों नहीं लग रहे हैं ।

1) लेखक ने जैसे ही ट्रेन के सेकंड क्लास के डिब्बे में प्रवेश किया, वहाँ उसने बर्थ पर पालथी मारकर बैठे हुए एक नवाब साहब को देखा। लेखक को देखते ही उनकी आँखों में असंतोष का भाव आ गया।

1) लेखक ने जैसे ही ट्रेन के सेकंड क्लास के डिब्बे में प्रवेश किया, वहाँ उसने बर्थ पर पालथी मारकर बैठे हुए एक नवाब साहब को देखा। लेखक को देखते ही उनकी आँखों में असंतोष का भाव आ गया। (2) नवाब साहब बिना बातचीत किए कुछ देर तक गाड़ी की खिड़की से बाहर देखते रहे। नवाब साहब के इन हाव-भावों से लेखक ने महसूस किया कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं।

इसी प्रकार लेखक को नवाब साहब का मौन रहना भी अखर रहा था और बातें करना भी कचोटने जैसा लग रहा था

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