Hindi, asked by meenakushwaha463, 8 months ago

लेखक को नवाब साहब का पहले बोलना क्यो नही भाया? class X hindi क्षितिज गघ खंड ch3​

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Answered by livinglegendstrom
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Answer:

अब हालदार साहब को बात कुछ-कुछ समझ में आई। एक चश्मेवाला है जिसका नाम कैप्टन है। उसे नेताजी की बगैर चश्मेवाली मूर्ति बुरी लगती है। बल्कि आहत करती है, मानो चश्मे के बगैर नेताजी को असुविधा हो रही हो। इसलिए वह अपनी छोटी-सी दुकान में उपलब्ध गिने-चुने फ्रेमों में से एक नेताजी की मूर्ति पर फिट कर देता है। लेकिन जब कोई ग्राहक है और उसे वैसे ही फ्रेम की दरकार होती है जैसे मूर्ति पर लगा है, तो कैप्टन चश्मेवाला मूर्ति पर लगा फ्रेम-संभवत: नेताजी से क्षमा माँगते हुए-लाकर ग्राहक को देता है और बाद में नेताजी को दूसरा फ्रेम लौटा देता है। वाह! भई खूब! क्या आइडिया है।

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