Hindi, asked by rohits10607, 6 months ago

लेखक को पास में ही कहीं जाना था। लेखक ने यह
सोचकर सेकंड क्लास का टिकट लिया की उसमे
भीड़ कम होती है, वे आराम से खिड़की से प्राकृतिक
दृश्य देखते हुए किसी नए कहानी के बारे में सोच
सकेंगे। पैसेंजर ट्रेन खुलने को थी। लेखक दौड़कर
एक डिब्बे में चढ़े परन्तु अनुमान के विपटीत उन्हें
डिब्बा खाली नहीं मिला। डिब्बे में पहले से ही
लखनऊ की नबाबी नस्ल के एक सज्जन पालथी
मारे बैठेथे उनके सामने दो ताजे चिकने खीरे
तौलिये पट रखेथा लेखक का अचानक चढ़ जाना
उस सज्जन को अच्छा नहीं लगा। उन्होंने लेखक से
मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाड़ी लेखक को
लगा शायद नबाब ने सेकंड क्लास का टिकट
इसलिए लिया है कि वे अकेले यात्रा कर सके
परन्तु अब उन्हें ये बिल्कुल अच्छा नही लग रहा था
की कोई सफेदपोशा उन्हें मंझले दर्जे में सफर करता
देखे। उन्होंने शायद खीटा भी अकेले सफर में वक्त
काटने के लिए खटीदा होगा परन्तु अब किसी
सफेदपोश के सामने खीटा कैसे खायें। नबाब साहब
खिड़की टो वाहट देख रहे थे परन्तु लगातार
कनखियों से लेखक की ओर देख रहे थे।
1. यह गद्यांश किस पाठ से संबंधित है और किसके द्वारा लिखा गया है?​

Answers

Answered by agrawalajay39
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यशपाल

इनका जन्म सन 1903 में पंजाब के फिरोजपुर छावनी में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा काँगड़ा में ग्रहण करने के बाद लाहौर के नेशनल कॉलेज से बी.ए. किया। वहाँ इनका परिचय भगत सिंह और सुखदेव से हुआ। स्वाधीनता संग्राम की क्रांतिकारी धारा से जुड़ाव के कारण ये जेल भी गए। इनकी मृत्यु सन 1976 में हुई।

प्रमुख कार्य

Answered by lalayadavl935
0

Answer:

pandit jawarlal nehro

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