लेखक के पिता ने ऐसा क्यों कहा कि बच्चे और बंदर पराई पीर नहीं समझते from mata ka anchal
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लेखक के मित्र मंडली मकई के खेत में दौड़ पड़े | उसमे चिड़ियों का झुंड चार रहा था । सभी लड़के चिडियों को पकड़ने का प्रयास करते है, लेकिन किसी के हाथ कुछ न लगा । वही खेत के कुछ दूर खड़े गाँव वाले और लेखक के पिता या दृश्य देख रहे थे, और उनके मानना था कि बच्चे और बंदर एक जैसे है, किसी और के ( पराई ) दर्द को नहीं समझते क्योंकि अगर चिड़ियों की जान भी चली जाए तो वह उनके लिए सिर्फ एक खिलौना मात्र रहेगा । इसलिए लेखक के पिता के यह खातां कहा - ' लड़के और बंदर पराई पीर नही समझते '
धन्यवाद
disclaimer - there may be some spelling mistake in the answer as i am new to hindi keyboard apologize for that
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