लेखक को स्कूल जाने के नाम से उदासी क्यों आती थी ? सपनों के से दिन पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिये। आपको स्कूल जाना कैसा लगता हैं और क्यों ?
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लेखक को स्कूल जाने के नाम पर उदासी इसलिए आ जाती थी क्योंकि लेखक के अधिकतर शिक्षक स्कूल में बहुत पिटाई करते थे और हमेशा डांटते फटकारते रहते थे।
शिक्षकों द्वारा की गई धोबी पिटाई के भय लेखक को स्कूल एक भयानक और नीरस स्थान दिखाई पड़ता था। लेखक के मन में हमेशा स्कूल के प्रति भय बैठा रहता था। इसके अलावा लेखक के साथी सहपाठी भी स्कूल न जाने को रोते चिल्लाते रहते थे और उन्हें रोते-चिल्लाते देखकर लेखक का मन भी स्कूल जाने को नहीं करता था।
हमारे बचपन में हमें भी स्कूल जाने में ऐसा ही प्रतीत होता था। लेकिन हमारे साथ एकदम वैसी बात नहीं थी। हमारे कुछ शिक्षक बेहद कठोर थे तो कुछ शिक्षक अच्छे थे। इस कारण हमें मिलाजुला प्रभाव रहता था। हमारा भी स्कूल जाने के प्रति बहुत अधिक उत्साह नहीं रहता था और स्कूल ना जाने के लिए कोई विशेष कारण भी नही रहता था। हम कुछ शिक्षकों के करण स्कूल नहीं जाना चाहते थे तो वहीं कुछ शिक्षकों के अच्छे। व्यवहार और पढ़ाई के कारण स्कूल जाना चाहते थे
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Answer:
लेखक को स्कूल जाने के नाम पर उदासी इसलिए आ जाती थी क्योंकि लेखक के अधिकतर शिक्षक स्कूल में बहुत पिटाई करते थे और हमेशा डांटते फटकारते रहते थे। शिक्षकों द्वारा की गई धोबी पिटाई के भय लेखक को स्कूल एक भयानक और नीरस स्थान दिखाई पड़ता था। लेखक के मन में हमेशा स्कूल के प्रति भय बैठा रहता था।
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