Hindi, asked by tulsi1071, 3 months ago

लेखका के स्मृति-पटल पर उस संन्यासी के कौन-कौन से चित्र बार-बार उभरते हैं? मानवीय karuna की Divya chamak पाठ ke aadhar par likhiye​

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Answered by shishir303
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¿ लेखक के स्मृति-पटल पर उस संन्यासी के कौन-कौन से चित्र बार-बार उभरते हैं? मानवीय करुणा की दिव्य चमक।

✎... लेखक के स्मृति पटल पर उस सन्यासी के रूप में एक लंबे पादरी के चोगे से ढकी आकृति उभरती है, जिसका रंग गोरा है। जिसके चेहरे पर सफेद झाइयां मारती भूरी दाढ़ी है, उनकी आँखें नीली हैं। वे बाहें फैलाएं गले लगाने को आतुर हैं। इतनी ममता भरा और अपनत्व भरा भाव उनके मन में हर किसी के लिए उमड़ता था।

लेखक के स्मृति पटल पर उस सन्यासी अर्थात फादर बुल्के की वही छवि उभरती है। लगभग 35 साल बीत जाने के बाद भी लेखक उन बाहों का दवाब अपनी छाती पर महसूस करता है। लेखक को लगता है कि फादर कामिल बुल्के आज भी इलाहाबाद की सड़कों पर साइकिल चला रहे हैं और वे साइकिल चलाते हुए हमारी ओर आ रहे हैं। हमें देख कर मुस्कुरा रहे हैं, उनकी साईकिल हमारे पास रुक गई है और वे साइकिल से उतर रहे हैं। इस तरह लेखक के स्मृति पटल पर यह चित्र बार-बार उभरते हैं और विलीन हो जाते हैं।

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